भोपाल। आजाद अध्यापक संघ अब जिलों में बैठे ऐसे अज्ञानी अफसरों की लिस्ट सीएम शिवराज सिंह को सौंपेगा जो 6वां वेतनमान के गणनापत्रक को समझ ही नहीं पा रहे हैं और मनमाना वेतन निर्धारण कर रहे हैं, जिससे अध्यापकों के वेतन में अंतर आ रहा है। 18 दिसम्बर को जिलों से पदाधिकारियों को समस्याओं के साथ बुलाया गया है।
अध्यापकों का कहना है कि जिलों में बैठे अधिकारी और लिपिक (बाबू) वेतन गणना पत्रक की टेबल नहीं समझ पा रहे हैं। इस कारण प्रदेशभर में हर बाबू अपने हिसाब से वेतन निर्धारित कर रहा है और वेतन में अंतर आ रहा है। मप्र आजाद अध्यापक संघ के महासचिव मोहम्मद जावेद खान और भोपाल संभाग अध्यक्ष ऋतुराज तिवारी का कहना है कि सरकार की नीतियों पर अफसरशाही भारी पड़ रही है।
उन्होंने बताया कि अफसर जुलाई-16 में तीन साल की संविदा अवधि पूरी कर चुके संविदा शिक्षकों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन नहीं कर रहे हैं। प्रदेशभर में ऐसे हजारों संविदा शिक्षक हैं।