भोपाल। 12 दिसम्बर को दिल्ली में एडवोकेट रोहित टंडन के यहां क्राइम ब्रांच की छापामारी के दौरान मिले 2000 के नए नोटों में से 25 लाख रुपए मूल्य के नोट मप्र के 6 बैंकों से वितरित हुए थे। ये नोट आरबीआई से मप्र की बैंकों में आए और यहां से बांटे गए। अब वो सभी ब्रांच मैनेजर और व्यक्ति भी जांच की जद में आ गए हैं जिन्होंने यह नोट बांटे और रिसीव किए। सवाल यह है कि ये नोट दिल्ली वाले वकील तक कैसे और क्यों पहुंचे।
ईडी ने बैंको को नोटिस जारी कर दिल्ली में मिले नोटो के सीरियल नंबर किसे जारी किए उसका ब्योरा मांगा है। टंडन के यहां छापे में कुल 13 करोड़ रुपए मिले थे। मामले को दिल्ली पुलिस ने बाद में आयकर विभाग को सौंप दिया था। बताया जा रहा है यह पैसा हवाला के जरिए मप्र से दिल्ली भेजा गया था।
उज्जैन जिले के तीन बैंक भी ईडी के राडार पर
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो उज्जैन जिले के तीन नागरिक सहकारी बैंकों को भी ईडी ने नोटिस भेजे हैं। इन बैंकों में नौ से 11 नवंबर तक करोड़ों रुपए का कालाधन जमा किया गया। वो भी 10 बोगस कंपनियों के नाम। सूत्र बताते हैं कि यह कंपनियां इंदौर और उसके आसपास के इलाकों के पतों वाली हैं।
ईडी ने इन बैंकों को नोटिस भेजकर खाताधारकों की पूरी जानकारी मांगी है, जिन्होंने सिर्फ तीन दिन में करोड़ों रुपए जमा करवा दिए। मामले में जब नईदुनिया ने सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव अजीत केसरी से बात की तो उन्होंने कहा फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और यदि ईडी ने नोटिस भेजे है तो रजिस्ट्रार को ही भेजें होंगे।