भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने नोटबंदी के बाद भोपाल के उपनगर बैरागढ़ स्थित ‘‘महानगर सहकारी बैंक’’ में 10 से 15 नवंबर के बीच खोले गये 100 बैंक खातों से जुड़ा समूचा ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है। यादव ने दावा किया है कि कालाधन वाले इस मामले में मप्र के 6 मंत्री, कई दिग्गज भाजपा व संघ के नेता और अफसरों के नाम भी सामने आए हैं। क्या सीएम शिवराज सिंह इस मामले के व्हिसल ब्लोअर बनेंगे, जैसे कि वो व्यापमं मामले में खुद को जताते रहते हैं।
श्री यादव ने गुरूवार को जारी एक बयान में कहा है कि बैंक में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा इनकम टैक्स छापों के दौरान उजागर हुआ है। नोटबंदी के बाद खुले 100 बैंक खातों में दो दर्जन से ज्यादा ऐसे खाते सामने आये हैं जिनमें 1000 और 500 के पुराने नोटों की बड़ी खेप जमा हुई है। बैंक भाजपा और संघ से जुड़े नेता सुशील वासवानी का है। कंडक्टर से करोड़पति बने वासवानी से प्रदेश के कई मंत्रियों, भाजपा के आला नेताओं और आरएसएस के नामी-गिरामी लोगों के रिश्ते जगजाहिर हैं।
श्री यादव ने कहा है इनकम टैक्स की रेड में साफ संकेत मिल रहे हैं नोटबंदी के बाद वासवानी का बैंक, कैबिनेट के वरिष्ठ सहयोगियों, आरएसएस एवं प्रदेश भाजपा के जाने-माने नेताओं और इनके नाते-रिश्तेदारों का जमकर ‘‘मददगार’’ बना। कुल मिलाकर वासवानी का बैंक भाजपा और संघ के नेताओं के लिये भ्रष्टाचार की गंगोत्री साबित हुआ है। श्री यादव ने याद दिलाया है कि मुख्यमंत्री कहते हैं, ईमानदार और सहज लोगों के लिये वे पुष्प के माफिक नर्म हैं, लेकिन दुष्ट और भ्रष्टाचारियों के लिय वज्र के समान हैं। लिहाजा, मुख्यमंत्री को वासवानी के बैंक में हुआ घोटाला सार्वजनिक कर भ्रष्टाचारियों का पर्दाफाश करने और लिप्त पाये गये बड़े से बड़े चेहरे को अपने कथन अनुसार दंडित करने का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए?
श्री यादव ने कहा कि बैंक के 100 खातों के अलावा अन्य उन खातों का ब्यौरे भी सार्वजनिक होना चाहिए जो प्रदेश भाजपा और संघ के जिम्मेदार नेताओं और उनके नाते-रिश्तेदारों के हैं एवं जिन खातों में नोटबंदी के बाद बड़ी तादाद में हजार और पांच सौ के पुराने नोट खपाये गये हैं।
आधा दर्जन मंत्री शामिल
श्री यादव ने कहा कांग्रेस को सूत्रों से जानकारी मिली है, प्रदेश सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों के इस पूरे गड़बड़झाले में लिप्त होने के प्रमाण सामने आये हैं। संघ के बड़े चेहरों, भाजपा के दर्जनों प्रभावशाली नेताओं और राज्य सरकार के कई अफसरों के भी भ्रष्टाचार की बहती गंगा में हाथ धोने के सबूत इनकम टैक्स के हाथ लगे हैं। सूत्र बतला रहे हैं गड़बडि़यां उजागर होने के बाद से प्रभावशाली लोग मामले को रफा-दफा करवाने की जुगतबाजी में जुटे हैं। सचाई क्या है? इसे प्रदेश के सामने लाना मुख्यमंत्री श्री चौहान और उनकी सरकार का दायित्व है।