
जिलों में अध्यापकों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अभी तक 16 जिले के करीब 7 हजार अध्यापकों को गलत तरीके से राशि भुगतान होना पाया गया है। इसमें शासन को 4 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। चूंकि अध्यापक पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन विभाग के कर्मचारी हैं, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्हें भी कार्रवाई के लिए लिखा है। हाल ही में हुई डीईओ की बैठक में इस मुद्दे पर बात हुई है। सभी से रिपोर्ट पूरी करके भेजने को कहा गया है।
इन जिलों में गड़बड़ी
भोपाल, सागर, विदिशा, रायसेन, छिंदवाड़ा, बैतूल, शाजापुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सतना, सीधी।
ऐसे खुला मामला
अप्रैल 2007 में अध्यापक संवर्ग बना और 1998 में नियुक्त शिक्षाकर्मियों ने 2001 से इसका लाभ ले लिया। ये खबर 'नईदुनिया" ने 28 नवंबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। दो दिन बाद ही लोक शिक्षण संचालनालय ने जांच के आदेश दिए थे। सभी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से 7 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी गई थी।
DDO पर होगी कार्रवाई
इस मामले में डीडीओ की वेतनवृद्धि रोकने एवं निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। विषय की गंभीरता को देखते हुए डीईओ और संभागीय संयुक्त संचालक इनमें से कोई प्रस्ताव शासन को भेजेंगे। जिन मामलों में अध्यापकों से वसूली संभव नहीं होगी, उनमें डीडीओ वसूली की जद में भी आएंगे।
इनका कहना है
मामले में अभी कार्रवाई चल रही है। जिन डीईओ ने रिपोर्ट नहीं भेजी है, उन्हें जल्द रिपोर्ट भेजने को कहा है।
अंजु पवन भदौरिया, संचालक, लोक शिक्षण