जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के होमगार्ड सैनिकों को पुलिस आरक्षकों के समान वेतनमान देने के मामले में डीजी होमगार्ड को 22 दिसंबर को हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। अवमानना प्रकरण में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजी को हाजिर रहने के निर्देश दिए थे। मामले पर सोमवार को सुनवाई के दौरान डीजी की जगह एडीजी के बाबू राव हाजिर हुए। जस्टिस एसके सेठ की एकलपीठ ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और कहा कि डीजी खुद हाजिर हों।
पुरुषोत्तम सिंह बघेल व अन्य ने अवमानना याचिका दायर कर बताया कि हाईकोर्ट ने 2 दिसम्बर 2011 को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि होमगार्ड सैनिकों को पुलिस विभाग के आरक्षकों के समान वेतन दें। कोर्ट ने कहा था कि मानव अधिकार आयोग की सिफारिशें लागू करें और होमगार्ड सैनिकों की सेवा शर्तें निर्धारण करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करें। कोर्ट ने आदेश दिए थे कि वेतन का भुगतान 1 जनवरी 2011 से प्रभावी होगा।
आदेश का पालन नहीं होने पर सैनिकों ने अवमानना याचिका दायर की। पूर्व में कोर्ट ने पाया था कि न्यूनतम वेतन देने के आदेश का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि एक वर्ष से भी ज्यादा समय बीतने के बाद सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया। कोर्ट ने प्रारंभिक तौर पर पाया कि अनावेदकों ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।