नईदिल्ली। पूरे देश में नोटबंदी का हल्ला है। मोदी सरकार के खिलाफ निगेटिव माहौल दिखाई दे रहा है। परंतु चंडीगढ़ में हुए नगरनिगम चुनाव के नतीजे कुछ और ही बयां कर रहे हैं। यहां जनता ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिरोमनी अकाली दल(एसएडी) गठबंधन को विजय का आशीर्वाद दिया है। मजे की बात तो यह है कि गठबंधन कुल 21 वार्डों में जीता है, जिनमें से 20 भाजपा के पास आए हैं। कांग्रेस 26 में से 4 सीटों पर सिमटकर रह गई।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी-एसएडी गठबंधन ने 26 वार्ड में से 21 वार्ड में जीत हासिल की है। इसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि 20 वार्डों में जीते। ये चुनाव भले नगर निगम का रहा हो लेकिन इसका सांकेतिक महत्व बहुत ज़्यादा है, क्योंकि नोटबंदी के फ़ैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब रही है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी महज चार वार्डों में जीत हासिल कर सकी और एक वॉर्ड में स्वतंत्र उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहा.
इस चुनाव में जीत हासिल करने वाले मुख्य चेहरों में बीजेपी के मेयर अरुण सूद और कांग्रेस नेता देविंदर सिंह बाबला शामिल हैं. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में इस बार 59.54 प्रतिशत मत डाले गए. चुनाव में कुल 122 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें 67 स्वतंत्र उम्मीदवार थे. चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने सभी 26 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि बहुजन समाजवादी पार्टी ने 17 वार्डों में उम्मीदवार खड़े किए थे.
पिछली बार हुए नगर निगम चुनाव में बीजेपी के 15 पार्षद थे, जबकि नौ कांग्रेस और एक स्वतंत्र पार्षद थे. कांग्रेस ने इस चुनाव में नोटबंदी का मुद्दा उठाया था लेकिन वो काम नहीं आया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिरोमनी अकाली दल(एसएडी) गठबंधन ने चंडीगढ़ नगर-निगम चुनाव में बहुमत के साथ जीत हासिल की है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी-एसएडी गठबंधन ने 26 वार्ड में से 21 वार्ड में जीत हासिल की है. इसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि 20 वार्डों में जीते. ये चुनाव भले नगर निगम का रहा हो लेकिन इसका सांकेतिक महत्व बहुत ज़्यादा है, क्योंकि नोटबंदी के फ़ैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब रही है. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी महज चार वार्डों में जीत हासिल कर सकी और एक वॉर्ड में स्वतंत्र उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहा.
इस चुनाव में जीत हासिल करने वाले मुख्य चेहरों में बीजेपी के मेयर अरुण सूद और कांग्रेस नेता देविंदर सिंह बाबला शामिल हैं. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में इस बार 59.54 प्रतिशत मत डाले गए. चुनाव में कुल 122 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें 67 स्वतंत्र उम्मीदवार थे. चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने सभी 26 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि बहुजन समाजवादी पार्टी ने 17 वार्डों में उम्मीदवार खड़े किए थे. पिछली बार हुए नगर निगम चुनाव में बीजेपी के 15 पार्षद थे, जबकि नौ कांग्रेस और एक स्वतंत्र पार्षद थे. कांग्रेस ने इस चुनाव में नोटबंदी का मुद्दा उठाया था लेकिन वो काम नहीं आया.