रीवा। लोग चाहते हैं कि उनके बच्चे केवल पढ़ाई पर फोकस करें परंतु यहां एक छात्रा ने पढ़ाई पर इतना फोकस किया कि वो अपने ही प्रेशर में आ गई। दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। मेमोरी वीक हो गई और फ्रस्टेशन में आकर उसने सुसाइड कर लिया।
यह है पूरा मामला
सपना सरकार रीवा के आयुर्वेद कॉलेज में BAMS के थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। सोमवार को उसका एग्जाम था। इसके बाद से वो चुप थी। बुधवार सुबह जब उसने दरवाजा नहीं खोला, तब हॉस्टल की दूसरी स्टूडेंट्स को कुछ शक हुआ। रूम से कोई आहट न होने पर स्टूडेंट्स ने जोर से धक्का देकर दरवाजा खोला, तो सपना फांसी पर लटकी हुई थी। उसे अपने दुपट्टे से पखें पर फांसी लगाई थी। इसकी सूचना तुरंत हॉस्टल संचालक को दी गई। इसके बाद पुलिस बुलाई गई। सपना को शासकीय आयुर्वेद कॉलेज में 2011 में एडिमशन मिला था। मूलत: मैहर(सतना जिला) की रहने वाली सपना रीवा में हॉस्टल में रहने लगी थी।
चार महीने पहले हॉस्टल छोड़ा था
हॉस्टल संचालक के मुताबिक, सपना ने चार महीने पहले अचानक हॉस्टल छोड़ दिया था। ATM से जब पैसा निकला, तब मालूम चला कि वो जबलपुर में है। तब उसके भाई राजीव उसे समझा-बुझाकर वापस हॉस्टल लाए थे। इसके बाद से वो खामोश रहने लगी थी। सोमवार को वो पेपर देकर लौटी थी। उसके बाद से वो एकदम खामोश हो गई थी।
सुसाइड नोट में क्या लिखा
सपना चार महीने पहले जब हॉस्टल छोड़कर चली गई थी, उस बात का उसने अपने सुसाइड नोट में जिक्र किया है। जब मैं यहां से गई थी, मैंने सोचा था कि अब मैं वापस नहीं आऊंगी। लेकिन जितनी दूर तक गई, मेरा मन बदलने लगा और मैं वापस आ गई। यह सोचकर कि अपने आप को फिर से एक चांस देती हूं। सपना ने एक जगह लिखा-'अंदर से मैं अपने आप को टूटा हुआ महसूस करने लगी। ऐसा लगता था कि जैसे अंदर कुछ मर गया हो। मुझे कोई चीज खुशी नहीं देती। मेरी इच्छाएं खत्म होने लगी।
एग्जाम को लेकर सपना ने लिखा-' एग्जाम दिया, कुछ याद नहीं आया अब मेरी हालत पहले से भी बेकार है। इतना बेकार पेपर मैंने कभी नहीं दिया। जिंदगी में कुछ बनना था बस एक ही चीज मांगी थी। पर जब दिमाग ही साथ नहीं देगा, तो क्या कर पाऊंगी। मैं फिर से ये सब सहन नहीं कर सकती।