
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पीआई के एक ऑफिशियल ने बताया कि काले बकरे की कुर्बानी रविवार को बेनजीर भुट्टो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दी गई। ATR-42 प्लेन के पास रनवे पर ही स्टाफ ने काले बकरे की कुर्बानी दी। इसके बाद ही प्लेन ने मुल्तान के लिए उड़ान भरी। ATR-42 प्लेन (PK-681) ने इस्लामाबाद से शाम को 6.40 बजे मुल्तान के लिए उड़ान भरी और तय शेड्यूल के तहत रात 9.45 बजे राजधानी लौट आया। ऑफिशियल के मुताबिक, हालांकि कुर्बानी का फैसला मैनेजमेंट की ओर से नहीं लिया गया था।
टेस्ट के बाद ही उड़ान की मंजूरी
हादसे के बाद ATR-42 प्लेन की यह पहली सर्विस थी। इस ट्विन टर्बोप्रोप एयरक्राफ्ट में 48 पैसेंजर्स के बैठने की जगह है। नेशनल फ्लैग कैरियर के स्पोक्सपर्सन ने कहा, "सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) ने ATR-42 के बेड़े को टेस्ट के बाद ही उड़ान की मंजूरी देने का फैसला किया था। इससे पीआईए की ग्वादर, तरबत, पंजगुर, मोइनजोदाड़ो, झोब, बहावलपुर, डीजी खान, चितराल और गिलगित की उड़ानों पर असर पड़ा है। मुल्तान जाने वाले ATR-42 प्लेन का टेस्ट हो चुका था, उसके बाद ही उसे मंजूरी दी गई थी।"
इमरान खानबोले- हम गर्त में जा रहे हैं
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान ने पहले ट्वीट में लिखा, "हैरत है कि हम इतने गर्त में जा रहे हैं, पीआईए दुनिया की टॉप एयरलाइंस में गिनी जाती थी और
अब वो अपने विमानों की सुरक्षा के लिए बकरों की कुर्बानी दे रही है। दूसरे ट्वीट में लिखा, "पीआईए की सेफ्टी और क्रेडिबिलिटी के तरीके से पता चलता है कि हमारे करप्ट रूलर्स कैसे देश को बनाना रिपब्लिक बना रहे हैं।