शिवराज सिंह के खिलाफ सचिव-सरपंच संगठन ने किया आंदोलन का ऐलान

भोपाल। प्रदेश के करीब 46 हजार सरपंच-सचिवों का सीएम शिवराज सिंह चौहान और पंचायत मंत्री पर से भरोसा उठ चुका है। सीएम चौहान ने अपने चुनावी भाषण में जो घोषणाएं की थी, वह एक दम बेबुनियाद साबित हुई। इस विरोध में प्रदेश के सरपंच एवं सचिवों का महाआंदोलन आगामी 20 दिसम्बर को आयोजित होगा। यह जानकारी मध्यप्रदेश सचिव-सरपंच संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने आज शनिवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी।

दिनेश शर्मा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के 46 हजार सचिव-सरपंच की छठवा वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति, सरपंचों के वेतन भत्ते की बढ़ोतरी सहित समस्त मांगों लेकर सरकार का आश्वासन सिर्फ धोखा और छलावा निकला। अब प्रदेश के 46 हजार सचिव-सरपंच, अब किसी आश्वासन पर भरोसा नहीं करेंगे। सरकार की वादाखिलाफ से त्रस्त होकर आगामी 21 दिसम्बर से प्रदेश के 23 हजार पंचायतों में अनिश्चितकालीन तालाबंदी कर हड़ताल पर जाएंगे। वहीं 12 से 16 दिसंबर तक प्रदेश के 51 जिला मुख्यालय पर अलग-अलग तारीखों में रैली धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जाएगा।

दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार सिर्फ उन्हीं लोगों की मांगों को पूरा करती आई है, जो उन्हें बेइज्जत करते हैं। प्रदेश के 23 हजार सरपंच विभाग की खोखली नीतियों के कारण अधिकार विहीन होकर बेबस और लाचार होकर जनता से मुंह छुपाने के लिए मजबूर हो गए हैं। वहीं पंचायत सचिवों के साथ सौतेला व्यवहार कर छठवा वेतनमान अनुकंप नियुक्ति, एवं मुख्यमंत्री चौहान की वर्ष 2013 की घोषणाएं वल्लभ भवनन में धूल खा रही है। स्वच्छता अभियान के नाम पर ग्राम पंचायक एजेंसी नहीं होने के बावजूद प्रदेश के करीब पांच हजार सरपंच सचिवों को पद से हटाने के नाम पर कारण बताओ सूचना पत्र देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

दिनेश शर्मा का कहना है कि जब शौचालय की राशि हितग्राही के खाते में डाली जा रही थी, तो सरपंच सचिव की कोई जवाबदारी नहीं बनती। दोनों संगठन, सरकार को कई बार अवगत करा चुके हैं, फिर भी विभाग के अधिकारी कुंभकरण की नींद सो रहे हैं। दिनेश शर्मा का कहना है कि इस सब बातों के विरोध में आगामी 12 से 16 दिसंबर तक प्रदेश के 51 जिलों में अलग-अलग दिनांक में एक दिवसीय रैली एवं धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। 20 दिसंबर को राजधानी भोपाल में एक महारैली कर मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उसके अगले दिन यानि 21 दिसंबर से प्रदेश की पंचायतों पर ताला बंदी कर अनिश्चितकालीन अंदोलन की शुरुआत होगी।

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