नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के हर गांव में बिजली पहुंचाने के रास्ते में आ रही अड़चनों को दूर करने की दिशा में शानदार फैसला दिया है। SC ने बिजली की तारों और टॉवर खड़े करने में जमीन के मालिकों की पूर्व सहमति की जरुरत को नकार दिया है।
जस्टिस ए के सिकरी और आर भानुमति की बेंच ने कहा, 'यह बात सबको पता है कि हमारे देश में बिजली की भारी कमी है। यहां ऐसे अनेक घर हैं जहां एक बल्ब जलाना भी सपने जैसा है। भारतीय टेलीग्राफ एक्ट के अनुसार, बिना किसी बाधा के बिजली के तारों का ट्रांसमिशन जनता के व्यापक हित में है।'
छत्तीसगढ़ की एक सीमेंट निर्माता कंपनी और पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ने इस मुद्दे को फाइल किया था। सीमेंट निर्माता कंपनी ने बिना सहमति के अपने चूना पत्थर एरिया में टॉवर लगाने को चुनौती दिया था। SC ने यह निर्णय देकर उस मुद्दे पर पू्र्ण विराम लगा दिया, जो विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा दिए गए परस्पर विरोधी फैसलों की वजह से उत्पन्न हुए थे।