व्यापमं घोटाला: कांग्रेस ने कहा, भाजपा भ्रम फैला रही है

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने आज सर्वोच्च न्यायलय द्वारा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अभा कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री दिग्विजयसिंह द्वारा व्यापमं महाघोटाले को लेकर दायर एक याचिका के परिप्रेक्ष्य में जारी आदेश की व्याख्या भाजपा द्वारा अपने पक्ष में की जाकर भ्रम फैलाने का गंभीर आरोप लगाया है। 

आज यहां जारी अपने बयान में श्री मिश्रा ने कहा कि दरअसल सर्वोच्च न्यायलय ने इस याचिका को यह कहकर डिस्पोजल किया है कि सर्वोच्च न्यायालय सीबीआई जांच में मॉनिटरिंग नहीं करेगा, न्यायालय ने अन्य मामलों की जांच आगामी 3 माह में करने का निर्देश भी सीबाआई को दिया है। उन्होंने कहा कि जहाँ तक हार्डडिस्क में टेम्परिंग का ताल्लुक है। सीबीआई किस आधार पर कह रही है कि टेम्परिंग नहीं हुई है, जबकि अभी तक दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर इस विषयक हैदराबाद की लैब द्वारा की गई जांच का लिफाफा ही नहीं खुला है? क्या सीबीआई यह कहने को भी तैयार है कि ऐसे ही एक अन्य मामले के याचिकाकर्ता श्री प्रशांत पाण्डे द्वारा कोर्ट में ही प्रस्तुत ‘‘मिरर इमेज’’ (सिस्टम फाईल) भी गलत है और यदि गलत है तो क्या सीबीआई उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगी? 

यदि सीबीआई द्वारा टेंपरिंग नहीं होने की बात को सच भी मान लिया जाये तो सीबीआई ने अपने पास टेम्परिंग नहीं होने वाली उपलब्ध हार्डडिस्क के आधार पर केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती, दिवंगत संघ प्रमुख के.सी. सुदर्शन, आरएसएस के सरसंघकार्यवाह सुरेश सोनी, प्रदेश मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ काबीना मंत्री की पत्नी आदि के विरूद्व अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की? सीबीआई का टेम्परिंग नहीं होने का कथन स्वयं जांच की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह है!   
सर्वाेच्च न्यायायलय द्वारा आज पारित आदेश की भाजपा द्वारा अपने पक्ष में की गई व्याख्या और मनाये जा रहे जश्न को राजनैतिक बेशर्मी की दोयम दर्जे की पराकाष्ठा बताते हुए मिश्रा ने कहा कि क्या भाजपा इस बात से भी इत्तफाक नहीं रखती है कि मप्र में व्यापम घोटाला हुआ है, इसमें राज्यपाल, उनके 2 बेटों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई है, राज्यपाल के ओएसडी जेल गए, सीएम के ओएसडी जमानत पर हैं, सरकार के मंत्री जेल गए, व्यापमं के पंकज त्रिवेदी, नितिन महिंद्रा, क्रिस्प के मुखिया सुधीर शर्मा जेल गए, इनकी नियुक्तियां किसने की, व्यापमं के माध्यम से ही सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को कराने का निर्णय क्या शिवराज सरकार का नहीं था, यह निर्णय क्यों लिया गया, इस घोटाले में अन्य आईएएस, आईपीएस, शिक्षा-चिकित्सा माफिया तथा अन्य दलालों की भूमिकाएं क्या थी? 

राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त व्यापमं महाघोटाले के आरोपी डॉ. गुलाबसिंह किरार कौन और किसके रिश्तेदार हैं, एक अन्य प्रमुख आरोपी व मुख्यमंत्री के करीबी राघवेंद्रसिंह तोमर को गिरफ्तारी के बाद उन्हें सरकारी गवाह किसके दबाव में बनाया गया? क्या इतने बड़े महाघोटाले की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति लिख सकता है? कभी नहीं....! 
श्री मिश्रा ने कहा कि दोषी सरकार और उसके पक्ष में खड़ी नजर आ रही भाजपा को इन सभी पापों का उत्तर जश्न मनाने के पहले देना होगा, अभी लड़ाई खत्म नहीं शुरू हुई हैं। इस मुद्दे पर अन्य 5 याचिकाएं अभी सर्वोच्च न्यायालय   में और भी लंबित हैं।

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