शिवराज सिंह को कांग्रेस नहीं हम चित करेंगे: केजरीवाल

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे... और ये चुनाव हम नहीं, वहां की जनता लड़ेगी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस खत्म हो गई है। ऐसे में हम जनता को साफ-सुथरी राजनीति के लिए बेहतरीन विकल्प देंगे। ये एलान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कामकाज की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा-"मैं उन्हें प्रदर्शन के आधार पर दस में से शून्य नंबर देता हूं।" केजरीवाल नईदुनिया के समूह संपादक आनंद पांडेय और विशेष संवाददाता अरविंद पांडेय से बात कर रहे थे। 

सवाल - आप 20 दिसंबर को भोपाल में रैली कर रहे हैं। मकसद क्या है?
जवाब - देखिए, अभी तो मैं नोटबंदी के खिलाफ पूरे देश में रैलियां कर रहा हूं। दरअसल नोटबंदी आठ लाख करोड़ रुपए का घोटाला है। मेरा मानना है कि नोटबंदी की स्कीम भी खराब थी... नीयत भी खराब थी... नीयत असल में लूटने की थी... और खराब तरीके से लागू भी की गई। मोदीजी अपने उद्योगपति मित्रों के लोन माफ करवाना चाहते हैं इसलिए नोटबंदी का इतना बड़ा षड्यंत्र रचा गया है। मैं तो अभी तक मोदीजी को ईमानदार मानता था, लेकिन हाल ही में सहारा और बिड़ला ग्रुप के यहां से जो डायरियां सामने आई हैं, उन्हें देख मेरे रोंगटे खड़े हो गए कि मोदी जी भी रिश्वत लेते हैं।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि इस डायरी में कोई तथ्य नहीं हैं?
नहीं, ऐसा नहीं है... कोर्ट ने कहा है कि और सबूत लाइए। सुनवाई चल रही है। (दस्तावेज दिखाते हुए) अब सारे सबूत कोर्ट जा रहे हैं।

तो क्या आप रैली में सिर्फ नोटबंदी तक सीमित रहेंगे या मध्यप्रदेश के लिए कोई लंबी प्लानिंग है आपके दिमाग में?
देखिए, मध्यप्रदेश में हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे। और हम क्या... मध्यप्रदेश चुनाव लड़ेगा... वहां की जनता चुनाव लड़ेगी... हमारे पास तो पैसे ही नहीं हैं। वहां कांग्रेस तो बची नहीं है...केवल शिवराज सिंह हैं...और उनके भ्रष्टाचार और घोटालों से जनता त्रस्त आ चुकी है। व्यापमं घोटाला ही इतना बड़ा है जिसमें कई मौतें हो चुकी हैं।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट तो उन्हें व्यापमं मामले में क्लीन चिट दे चुकी है?
देखिए क्लीन चिट तो ये लोग ले लेते हैं।-...

तो क्या आप यह कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट को भी ये लोग मैनेज कर लेते हैं?- 
सुप्रीम कोर्ट नहीं, ये लोग जांच एजेंसियों को मैनेज कर लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट जांच नहीं करता... वो तो किसी जांच एजेंसी को जांच के लिए कहता है। अब सीबीआई तो इस समय अमित शाह चला रहे हैं। अदालत तक तो ये लोग सबूत ही नहीं पहुंचने देते।

क्या रोड मैप है आपके दिमाग में मध्यप्रदेश को लेकर?
देखिए, वहां हमारा संगठन तैयार हो रहा है। गांव-गांव के बूथ-बूथ पर लोग जुड़ रहे हैं। जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि हमारे पास पैसा भी नहीं है...आदमी भी नहीं है। ऐसे में लोग ही चुनाव लड़ेंगे। चुनाव आंदोलन बन जाता है...क्रांति बन जाता है। घर-घर जाकर जनता वोट मांगती है...जैसा दिल्ली में हुआ। बिलकुल दिल्ली की तर्ज पर ही हम मध्यप्रदेश में भी चुनाव लड़ेंगे।

एक धारणा बनती जा रही है कि दिल्ली में आपको जितनी ऊर्जा काम में लगानी चाहिए थी, उससे ज्यादा आपने एलजी और केंद्र सरकार से लड़ने में लगा दी?
जिस तरह की रुकावटें और कठिनाइयां केंद्र सरकार दिल्ली की गवर्नेंस में पैदा कर रही है, उतना इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। मैं अपने लिए नहीं, जनता के लिए लड़ता हूं। अपने बच्चों को नौकरी दिलाने या पैसा कमाने के लिए नहीं लड़ता। इनसे लड़-लड़ कर ही मैं दिल्ली में देश की सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवा पा रहा हूं। पानी मुफ्त करवाने के लिए भी मुझे बहुत लड़ना पड़ा।

एक धारणा यह भी है कि अरविंद केजरीवाल मूर्तिभंजक हैं। किसी भी बड़े पर पत्थर उछालो और मीडिया की सुर्खियों में बने रहो?
मैं जो भी बोलता हूं तथ्यों के आधार पर बोलता हूं। मोदीजी ने जब-जब अच्छा काम किया, मैंने उनकी तारीफ की...स्वच्छ भारत...योग..सर्जिकल स्ट्राइक...। गलत काम करेंगे, तो हम लोग सबसे आगे होंगे उनकी बुराई करने में।

ऐसा देखने को मिल रहा है कि जिनको कांग्रेस या बीजेपी में जगह नहीं मिल पाई... ऐसे महत्वाकांक्षी लोगों ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली?
नहीं, ऐसा नहीं है। जब भी हम किसी को टिकट देते हैं तो पूरी छानबीन करते हैं। हमारे यहां "थ्री सी" का फॉर्मूला चलता है--- क्राइम, करप्शन और कैरेक्टर पर हम कोई समझौता नहीं करते हैं।

पूरे देश में लोक-कल्याणकारी राज्य की अवधारणा खत्म होती जा रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। कैसे देखते हैं आप इसे?
दिल्ली में उल्टा हो रहा है। हमने मोहल्ला क्लीनिक बनाए...जहां हर जांच और इलाज मुफ्त हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायापलट कर दिया है हम लोगों ने। सरकारी टीचरों को हम लंदन और अमेरिका ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं। मैं आपकी बात से सौ फीसदी सहमत हूं कि निजी सेक्टर के साथ मिलकर बाकी राज्य सरकारें हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर को बर्बाद कर रही है।

आप खुद मुख्यमंत्री हैं। आप शिवराज सिंह चौहान का कामकाज कैसे आंकते हैं? दस में से आप उन्हें कितने नंबर देंगे।
शिवराज के कार्यकाल के दौरान जो भ्रष्टाचार हुआ है वो दयनीय है। और ऐसा भ्रष्टाचार जिसमें कई लोगों की जान तक गई है। नंबर क्या देना... आप जीरो मान लीजिए।

आखिरी सवाल... सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा जोक या तो अरविंद केजरीवाल पर बन रहे हैं या राहुल गांधी पर। क्या इसके कोई राजनीतिक, सामाजिक या मनोवैज्ञानिक निहितार्थ हैं या यह सिर्फ संयोग है?
होना चाहिए...जोक तो होने चाहिए...हंसी-खुशी तो होनी चाहिए। अगर मेरे बारे में सोचकर लोग हंसते हैं तो ये तो अच्छी बात है।

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