नईदिल्ली। रेलवे कर्मचारियों को अब अपना आधार नंबर सर्विस बुक में दर्ज कराना होगा। इतना ही नहीं, हर साल वे अपनी सेवा पुस्तिका का परीक्षण करेंगे कि दर्ज जानकारी सही है या नहीं। दर्ज जानकारियों को खुद ही प्रमाणित करना होगा और विभाग प्रमुख भी प्रमाणित करेंगे कि कर्मचारी ने बुक का अध्ययन कर लिया है। भारतीय रेल के 14 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को यह जानकारी एक महीने में देनी होगी। रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर एस्टेब्लिशमेंट (जी) डी. जोसेफ ने यह आदेश जारी किया है। सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों को सर्विस बुक दिखाने और विभाग प्रमुख द्वारा प्रमाणित करने की व्यवस्था पहले से है, जिसे सख्ती से अमल किया जाए। अगले एक महीने में सभी अधिकारी-कर्मचारियों का आधार नंबर सर्विस बुक में दर्ज कराया जाए। प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारी-कर्मचारियों को भी आला अफसर की मौजूदगी में आधार नंबर दर्ज कराना होगा।
पूंजी का ब्योरा देने पर इसलिए लगी रोक
केंद्रीय कर्मचारियों को उनके और परिवार की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने को कहा गया था। इसके लिए 31 दिसंबर 2016 अंतिम तारीख थी। केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। अब अधिकारी-कर्मचारियों को ब्योरा नहीं देना होगा। जानकारों ने बताया कि सरकार पूंजी जानने के लिए आधार बेस्ड तरीका अपना रही है। नए निर्देश जल्द ही आएंगे। अधिकारी-कर्मचारियों को तब तक के लिए राहत मिल गई है।
सरकार की पहुंच हर अधिकारी के बैंक एकाउंट तक हो जाएगी
सर्विस बुक में आधार नंबर दर्ज होते ही सरकार की पहुंच हर अधिकारी-कर्मचारी के बैंक एकाउंट तक हो जाएगी। बैंक एकाउंट में आधार नंबर अनिवार्य है। इससे पता चल सकेगा किस अधिकारी-कर्मचारी के देश में कहां-कहां कितने एकाउंट हैं और उनमें कितनी राशि जमा है। रेलवे बोर्ड के जानकारों ने बताया कि भविष्य में जमीन-मकान से लेकर अन्य अचल संपत्ति को भी आधार से लिंक किया जाएगा। सभी तरह की खरीदी-बिक्री की जानकारी सरकारी अमले तक स्वत: ही पहुंच जाएगी।