
हमीदिया अस्पताल में ऐसे मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है, जिनकी केयर करने वाला कोई साथ में नहीं होता। शेयर एंड केयर संस्था को महिला के बेसहारा होने की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने ही शेड में महिला का इलाज शुरू कर दिया। संस्था के संचालक सैयद सुहेल ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि महिला कुछ दिनों पहले उनके संपर्क में आई थी। उसने अपना नाम गुलाब बाई बताया था। हाथ में काफी इंफेक्शन होने की वजह से कीड़े पड़ गए थे। महिला को इंफेक्शन कम करने की दवाईयां दी जा रही थीं लेकिन दो दिन पहले रात को उसकी मौत हो गई।
बताते हैं कि गुलाब बाई की मौत के बाद चूहों ने शव की आंखें कुतर डालीं, जिसके बाद शव को संस्था के शेड से अस्पताल की मर्चूरी में रखा गया। बाद में उसका अंतिम संस्कार किया गया।हमीदिया अस्पताल, गांधी मेडिकल कॉलेज के तहत आता है। ऐसे में मीडिया ने कॉलेज की डीन डॉ. उल्का श्रीवास्तव से बात की, तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में इस तरह की किसी घटना होने की जानकारी उनके पास नहीं हैं।