भोपाल। मप्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाह का चिटफंडी एवं हत्यारा दामाद अब राजस्थान विधानसभा से भी बर्खास्त कर दिया गया है। वो धौलपुर से बसपा के टिकट पर विधायक बना था। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कुशवाह को आजीवान कारावास की सजा मिलने के बाद मंगलवार को यह फैसला किया।
कोर्ट ने 8 दिसंबर को धौलपुर के बहुचर्चित नरेश कुशवाह हत्याकांड में विधायक बीएल कुशवाह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। विधानसभा सचिव पृथ्वीराज की तरफ से जारी आदेश के अनुसार अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय धौलपुर ने विधायक बीएल कुशवाह के खिलाफ धारा 120 बी व 302 में आजीवन कारावास व दस हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई थी। चौदहवीं विधानसभा के लिए चुने गए कुशवाह पर दोष सिद्ध होने के कारण न्यायालय के फैसले की तिथि 8 दिसंबर से विधानसभा की सदस्यता समाप्त की जाती है।
स्टे लेने का भी हक नहीं बचा था
विधानसभा के अनुसार कुशवाह को कोर्ट आदेश या विधायक की सदस्यता बर्खास्त करने के खिलाफ स्टे लेने का अधिकार ही नहीं बचा था। कुशवाह प्रोटेक्शन टाइम में पद से इस्तीफा दे देते तो कुछ और प्रकरण हो सकता था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के अनुसार 2 साल से अधिक कारावास की सजा पर विधानसभा को सदस्यता समाप्त करने का अधिकार है।
चिटफंड में गिरफ्तारी से बचने के लिए बना था विधायक
विधायक बीएल कुशवाह ने सबसे पहले चिटफंड कंपनी की शुरूआत की और लोगों को सैंकड़ों करोड़ का चूना लगाया। बताया जाता है कि पैसे की दम पर उसने बसपा का टिकट हासिल किया और कालेधन के दम पर चुनाव जीत भी गया। विधायक बनने के बाद चिटफंड मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए विधानसभा में जाकर छिप गया था।