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नर्मदा नदी में दीपदान व विसर्जन प्रतिबंधित

भोपाल। श्रद्धालु 11 दिसंबर के बाद से प्रदेश की लाइफ लाइन नर्मदा में दीपदान, मूर्ति और माला विसर्जन नहीं कर पाएंगे। नर्मदा शुद्धिकरण के तहत राज्य सरकार इस प्रथा पर रोक लगाने जा रही है। इसकी शुरूआत 11 दिसंबर को अमरकंटक से नमामि देवी नर्मदे अभियान के तहत शुरू सेवा यात्रा होगी। सेवा यात्रा में भी पॉलीथिन, थर्माकोल प्रतिबंधित रहेगा।

यात्रा मप्र में नर्मदा के अंतिम स्थान आलीराजपुर के सोंडवा तक जाएगी और फिर वहां से वापस 11 मई तक अमरकंटक पहुंचेगी। 144 दिन की यह यात्रा 16 जिलों से गुजरकर करीब 3,344 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इसमें 1909 किलोमीटर की पद यात्रा होगी, शेष यात्रा वाहनों से पूरी की जाएगी।

यह जानकारी गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी। वे प्रशासन अकादमी में यात्रा की राज्य स्तरीय आयोजन समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में नर्मदा किनारे पूजन कुंड बनाए जाएंगे। 11 दिसंबर के बाद जिनमें ही दीपदान-माला विसर्जन की जा सकेगी। इसके लिए लोगों से नर्मदा पूजन कुंड के जल से ही करने की अपील की जाएगी।

चौहान ने कहा कि नर्मदा में शव बहाने पर भी रोक लगाने मुक्तिधाम बनाए जाएंगे। नगरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाएंगे, ताकि नर्मदा में सीवेज न मिले। वहीं सरकार नशामुक्ति अभियान भी चलाएगी। उन्होंने बताया कि नर्मदा के बाद क्षिप्रा, बेतवा, चंबल, ताप्ती को लेकर अभियान चलेगा।

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