नईदिल्ली। नोटबंदी के शुरूआती दिनों मेें मिले जनता के समर्थन से उत्साहित वित्तमंत्री अरुण जेटली अब उसी नोटबंदी की खामियां उजागर होने पर विचलित हो गए हैं। वो नोटबंदी का विरोध करने वाले नेताओं से भी नाराज हैं। उनकी यह नाराजगी मेक इन ओडिशा सम्मेलन में खुलकर सामने आई।
जेटली ने कहा कि पूरा देश बदल गया लेकिन नेता और मीडिया नहीं बदली। आज भी कठोर पहलू को प्रमुखता से दिखाया जाता है। उन्होने दावा किया कि कि जीएसटी और नोटबंदी पासा पलटने वाले साबित होंगे। ऐसा इसलिए होगा कि जीएसटी से जहां तक केन्द्र की बात है अधिक राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी वहीं राज्यों को भी अधिक राजस्व प्राप्त होगा। यह एक सक्षम कराधान व्यवस्था ह. इससे खामियां दूर करने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक मुद्रा में किए गए बदलाव की बात है, नोटबंदी की यह प्रक्रिया जैसे ही एक बार पूरी होगी और अर्थव्यवस्था अपनी पूरी गति से आगे बढ़ने लगेगी, उसके बाद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आकार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और कर आधार भी बढ़ेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा के रूप में अधिक धन पहुंचेगा जिसका अर्थव्यवस्था के भले के लिए इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के मौजूदा प्रयास हालांकि चुनौतीपूर्ण लगते हैं लेकिन दीर्घकाल में ये अर्थव्यवस्था के लिये फायदेमंद होंगे।