बेटा गूगल में इंजीनियर है, बाप आज भी दिहाड़ी मजदूर

Bhopal Samachar
नईदिल्ली। स्वाबलं​बन, स्वाभिमान और आत्मसम्मान कब आदत बन जाते हैं पता ही नहीं चलता। तेजाराम संखला इसका जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने सारी जिंदगी दरिद्रता में बिताई। रसोई में दो वक्त का खाना नहीं होता था। बेटे को पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे। सरकार ने स्कॉलरशिप दी, लोगों ने मदद की तो वो इंजीनियर बन सकता। आज बेटा गूगल के यूएस आॅफिस में इंजीनियर है लेकिन तेजाराम संखला आज भी बोझा ढोते हैं। रोज 400 रुपए कमाते हैं और उसी में खुश हैं। 

राजस्थान के सोजत टाउन के रहने वाले तेजाराम संखला आज भी एक दिहाड़ी मजदूर का ही काम करते हैं। उनका 26 साल का बेटा रामचंद्र यूएस में गूगल ऑफिस में कार्यरत है लेकिन वे जयपुर की एक एक्सपोर्ट कंपनी के लिए रोजाना माल ढोकर 400 रुपए कमाते हैं और अपना जीवन बिताते हैं। वे ट्रक से भरे माल उठाते हैं। हालांकि उन्हें बिल्कुल भी काम करने की जरूरत नहीं है, लेकिन वे रोजाना मेहनत करते हैं। 

लोगों ने पढ़ने और फीस देने में मदद की
साल 2013 में बहुत मेहनत से इंजीनियरिंग पास करके संखला यूएस गए थे। जब यूएस गए तो लगा कि अब घर की सारी परेशानियां दूर हो जाएंगे। मैंने अपने पिता को काम करने से मना किया है, लेकिन वे मेरी कहां सुनते हैं। उन्हें अपने पैरों पर खड़ा रहना है।

ये सब बातें संखला एक फेसबुक सेशन के लाइव के दौरान बता रहे थे। वे कोटा के कुछ इंजीनियरिंग कर रहे बच्चों के साथ अपने एक्सपीरिएंस और लाइफ शेयर कर रहे थे। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने हिंदी मीडियम स्कूल से 12 की पढ़ाई की और बाद में लोन लेकर कोटा से कोचिंग की। 

इसके बाद साल 2009 में आईआईटी रुड़की से पढ़ाई पूरी की। कोटा के एक परिवार ने उन्हें आर्थिक मदद दी, किसी ने कपड़े दिए तो किसी ने कॉलेज की फीस। किसी ने बैग तो किसी ने किताबें। कोचिंग सेंटर ने पैसा जमा करके मुझे लैपटॉप दिया। पिता ने दूसरे सेमिस्टर की फी देने के लिए लोन लिया। मेरी मां रामी देवी 50 साल की हैं और घर में रहती हैं। हमारे पास कुछ जमीन है जिससे थोड़े पैसे आते थे।

राम ने बताया कि किस तरह वह स्कूल से आकर खाना बनाता था और अपने परिवार का ख्याल रखता था। राम को स्कूल से स्कॉलरशिप मिली थी, जिस पैसे को बचाकर राम ने घर में एक किचन बनाया था। जब उसे गूगल में नौकरी मिली तो उसने सारे कर्ज और लोन चुका दिए।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!