शहडोल। मप्र शासन के नियमानुसार 12 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अध्यापकों को क्रमोन्नति का लाभ दिया जाना है लेकिन जिले में वर्ष 1998-99 में पदस्थ अध्यापकों को क्रमोन्नति का लाभ दिया गया पर 2001 के बाद वाले नियुक्त अध्यापकों को जिला प्रशासन द्वारा क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया जबकि यह सतत प्रक्रिया है जिस तरह से अन्य शिक्षकों की हर वर्ष क्रमोन्नति सूची जारी होती है अध्यापकों की भी होनी चाहिये लेकिन जब तक अध्यापक शासन प्रशासन के पास अपनी मांग नहीं रखते तब तक अध्यापकों की मांगों की ओर ध्यान नही जाता।
01-04-2016 की स्थिति में वरिष्ठता सूची जारी होनी चाहिये जो कि आज तक जारी न होने के कारण अध्यापकों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। संघ के पदाधिकारी विजय कृष्ण मिश्रा एवं संतोष शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में जानकारी देते हुये बताया कि उक्त संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अवगत करा दिया है कि अध्यापकों को तत्काल क्रमोन्नति का लाभ दिया जाये साथ ही जनपद ब्यौहारी एवं जनपद सोहागपुर के ऐसे संविदा शिक्षक वर्ग -2 एंव 3 जिनकी परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो चुकी है उनके संविलियन के आदेश अतिशीघ्र प्रसारित करें ताकि 6पें का लाभ शासन की मंशानुसार मिल सके।