जयपुर। राजस्थान एटीएस के एडिशनल एसपी आशीष प्रभाकर अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। इससे पहले उन्होंने अपनी जिंदगी में जहर घोलने वाली एक लड़की का मर्डर भी किया। वो 2 बातों में के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। पहली: वो एक ऐसे पुलिस कॉप थे जिन्होंने दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन आईएस आईएस का नेटवर्क तबाह किया। दूसरी: पराई स्त्री के अवैध रिश्तों में फंसकर जांबाज भी जिंदा नहीं रह पाते।
ASP ने खुद किया था फोन
राजस्थान एटीएस की एएसपी की मौत से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, जयपुर पुलिस के कंट्रोल रुम को खुद एएसपी आशीष प्रभाकर ने फोन किया था. उन्होंने फोन पर कहा कि मैं एटीएस का एएसपी बोल रहा हूं, टोंक रो़ड पर शिवदासपुरा में बांबे अस्पताल के पास गाड़ी में एक युवक और युवती की लाश पड़ी है.
सरकारी CAR में मिली दो लाश
डीसीपी मनीष अग्रवाल ने बताया कि उनके फोन के तुरंत बाद पुलिस जब मौके पर पहुंची तो गाड़ी नहीं मिली. मगर करीब साढ़े आठ बजे पुलिस की गश्ती टीम चेतक ने देखा कि एटीएस एएसपी की सरकारी स्कर्पियो गाड़ी एक जगह खड़ी थी, जो अंदर से लॉक थी. ड्राइविंग सीट पर खुद एएसपी आशीष मृत अवस्था में थे और बगल की सीट पर एक महिला निढ़ाल पड़ी थी.
कार में मिले गोलियों के निशान
चेतक टीम ने फौरन आला अधिकारियों को मामले की सूचना दी. मौके पर पुलिस अधिकारी और एफएसएल की टीम भी पहुंच गई. जांच में पाया गया कि दो गोली गाड़ी के गेट पर और एक गाड़ी की छत पर लगी थी. कार में मौत से पहले एएसपी और महिला के बीच संघर्ष होने के निशान भी मिले. महिला की पहचान कोचिंग संचालिका पूनम के रूप में हुई.
ASP ने लिखे थे दो सुसाइड नोट
जयपुर के डीसीपी मनीष अग्रवाल के मुताबिक पुलिस ने एएसपी के पास मिले ब्रीफकेस से दो सुसाइड नोट भी बरामद किए. आशीष ने एक सुसाइड नोट पत्नी के नाम और दूसरा पुलिस के नाम लिखा था. पत्नी को लिखे सुसाईड नोट में लिखा है कि मैं अपने परिवार के साथ इंसाफ नही कर रहा हूं, बच्चों को पढ़ाना चाहता हूं. तुम परेशान मत होना और दुखी मत होना. आज में पुलिस आफिसर होने के नाते इंसाफ करने आया हूं. पिछले चार साल से ये लड़की मेरे साथ प्यार का नाटक कर मुझे और मेरे परिवार को तबाह कर रही है.
पुलिस को लिखे अपने सुसाइड नोट में एएसपी आशीष ने लिखा कि ये लड़की कोचिंग के नाम पर कुछ अधिकारियों और लोगों को फंसाती थी. अगर इस लड़की के बारे में ये जानना चाहते हैं तो लिखे हुए पांच लोगों के नाम और नंबरों से पूछ लें. इस रैकेट में विरेंद्र मीणा के साथ ये लड़की ब्लैकमेलिंग करती थी.
मरने से पहले लिखी थी FACEBOOK पोस्ट
इसके अलावा एएसपी आशीष ने पूनम को मारने से पहले अपनी फेसबुक वॉल पर भी लिखा है कि पुलिस में होने के साथ ही मेरी मोरल ड्यूटी बनती है कि मैं इंसाफ करुं. एएसपी आशीष ने गुरुवार को ही एटीएस मुख्यालय से पिस्तौल इश्यु कराई थी. अक्सर वे पिस्तौल साथ नहीं रखते थे.
केस की जांच करते करते प्यार में फंस गए
पूनम एक कोचिंग संचालिका थी. चार साल से उसका एएसपी के साथ अफेयर था. 2012 में पूनम का अपने पति से तलाक हो गया था. इस संबंध में जयपुर के माणक चौक थाने में एक मुकदमा भी दर्ज हुआ था. उस वक्त आशीष उसी इलाके के सीओ थे और मामले की जांच कर रहे थे. उसी दौरान आशीष और पूनम की दोस्ती हो गई. फिर एएसपी आशीष का ट्रांसफर अलवर हुआ. वहीं पूनम का घर था. इस वजह से दोनों में निकटता बढ़ गई. बाद में आशीष ने जयपुर में कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ मिलकर गोपालपुरा में सिविल सर्विस की तैयारी के लिए कोचिंग खोला. पूनम कोचिंग कराने के नाम पर अपनी बहन नीलम शर्मा के पास जयपुर आ गई. नीलम जयपुर पुलिस में ही हेड कांस्टेबल है. इसके बाद पूनम एएसपी आशीष के साथ मिलकर कोचिंग चलाने लगी.
कोचिंग के बहाने घर में दखल
जब पूनम ने कोचिंग के नाम पर आशीष के साथ काम करना शुरू किया तो उनकी पत्नी का उनसे झगड़ा होने लगा. बात इतनी बढ़ी कि आशीष की पत्नी अनीता उनका घर छोड़कर मायके चली गई. आशीष पारिवारिक कलह से परेशान थे. इससे पहले एक बार आशीष भी घर छोड़कर कहीं गायब हो गए थे. जिसकी सूचना इनकी पत्नी ने पुलिस कंट्रोल रुम को दी थी. जिसके बाद आशीष एक दिन कंट्रोल रुम के बाहर बैठे हुए मिले थे.
IS IS नेटवर्क की जांच कर रहे थे एएसपी
जयपुर के डीसीपी मनीष अग्रवाल ने बताया कि आशीष प्रभाकर हाल ही में स्टडी लीव से लौटे थे और राजस्थान में आईएसआईएस के नेटवर्क की जांच कर रहे थे. आईएसआईएस से संबंध रखने के आरोपी इंडियन आयल के मैनेजर सिराजुद्दीन का मामला हो या फिर सीकर और कर्नाटक के गुलबर्गा में आईएसआईएस के नेटवर्क का केस. सभी की जांच आशीष ही कर रहे थे. गुरुवार की शाम पांच बजे भी वो दफ्तर में काम ही कर रहे थे.
POLICE कर रही है जांच
एएसपी आशीष के सुसाइड नोट से खुलासा हुआ है कि पूनम के कई आईपीएस और आईएएस अधिकारियों से संबंध थे. वह कई अधिकारियों को ब्लैकमेल कर रही थी. उनके सुसाइड नोट में अधिकारियों के नाम का जिक्र आने से अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है. अब पुलिस इस ब्लैकमेलिंग रैकेट को लेकर जांच कर रही है. दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं. आशीष की सरकारी कार से सर्विस रिवाल्वर भी बरामद कर ली गई है.