नईदिल्ली। नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने का मामला उजागर हुआ है। आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार को गोयनका बंधुओं का मामला पकड़ा है। उन्होंने 13 करोड़ के पुराने नोट अपने एक कर्मचारी के नाम पर 4 फर्जी खाते खुलवाकर जमा करा दिए। माना जा रहा है कि और भी कर्मचारियों के साथ ऐसा किया गया होगा। आयकर टीम ने इस संबंध में गोयनका बंधुओं के आवासीय व व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी के साथ-साथ कर्मचारी कुणाल कुमार के घर की भी तलाशी ली है।
इसके अलावा आयकर टीम मुजफ्फरपुर में आइसीआइसीआइ बैंक और कोटक महिद्रा बैंक की शाखाओं में किए गए करोड़ों के इस लेन-देन से संबंधित दस्तावेजों को भी खंगाल रही है। विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजकुमार गोयनका और अशोक कुमार गोयनका की मुजफ्फरपुर में दो कंपनियां हैं। इनमें एक कंपनी पूजा ट्रेडिंग और दूसरी कामता कॉरपोरेशन के नाम से है। गोयनका बंधुओं की कंपनी में कुणाल कुमार नामक एक कर्मचारी कार्यरत है। व्यवसायी बंधुओं ने अपने कर्मचारी कुणाल कुमार के नाम आइसीआइसीआइ बैंक में तीन और कोटक महिद्रा बैंक में एक बैंक खाता खुलवाया।
सबसे अजीब बात तो यह है कि इस मामले में कुणाल कुमार को भी कुछ भी नहीं बताया गया। इस बीच, विगत 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद व्यवसायी भाइयों ने कुणाल कुमार के चारों बैंक खातों में 13 करोड़ के पुराने नोट डालकर उसे सफेद करने की कोशिश की।
जब इसकी जानकारी आयकर विभाग को मिली तो कुणाल कुमार से इस संबंध में पूछताछ की। लेकिन कुणाल ने साफ कहा कि इस संबंध में उसे कोई जानकारी नहीं है। मामला सामने आने के बाद कुणाल कुमार ने मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाने में दोनों व्यवसायी भाइयों के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।