विनीत माहेश्वरी/रायसेन। जिला अस्पताल में पदस्थ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.एके लेड़वानी द्वारा फ्रेक्चर मरीजों के ऑपरेशन करने के लिए मरीजों से ही ऑपरेशन की फीस और ऑपरेशन सामग्री की राशि वसूल करते हुए ऑपरेशन किए जाते है। यह बात हम नहीं खुद डॉ.के के लेड़वानी कह रहे है। 23 नवम्बर 2016 को पैर का ऑपरेशन के लिए भर्ती मरीज भैयालाल पुत्र खिलान सिंह के ऑपरेशन के लिए बतौर 5 हजार रूपए की मांग की और यह राशि भी डाक्टर साहब ने नए नोटों के रूप में मरीज भैयालाल के रिश्तेदार महाराज सिंह से मांगी। जब दोनों के बीच आपसी ऑपरेशन की सहमति बन गई और उसने 3 हजार रूपए की राशि डाक्टर के के लेडवानी को दे दी और 2 हजार रूपए की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऑपरेशन नहीं किया गया।
महाराज सिंह का कहना था कि डाक्टर साहब ने पहले 3 हजार रूपए की राशि मांगी थी जैसे तैसे राशि जुटाई और उनको दी तो कहने लगे 2 हजार रूपए ऑपरेशन फीस भी देना होगी उसके बाद ही मरीज का ऑपरेशन किया जाएगा। फिर राशि जुटाने में महराज सिंह असमर्थ हो गया और डाक्टर का भांडाफोड़ करने का मन बना लिया। मीडिया को अपनी पीड़ा सुनाई जिसके बाद डाक्टर साहब की सरकारी बंगले में की जा रही दुकानदारी का सच सबके सामने आ गया।
वाहन चालक बन बैठा कपाउण्डर:-
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. के के लेड़वानी ने मरीजों के उनके ऑपरेशन में सौदा करने के लिए वाहन चालक मनोज मालवीय को रखा हुआ है जो की सभी मरीजों और उनके परिजनों से सौदा करता है और सौदा होते ही सरकारी अस्पताल की ओटी में ही ऑपरेशन कर दिया जाता है। गुरूवार को जैसे ही मरीज के परिजन ने डाक्टर साहब को राशि दी और उस राशि के साथ दोनों का फोटो लिया जा रहा था तभी देखते ही वो भाग खड़ा हुआ और भागने के दौरान नाली में जा गिरा और आम जन द्वारा उसे पकड़ लिया गया और फिर बाद में लोगों ने बताया यह वाहन चालक है और कपाउण्डर का काम करता है और सरकारी क्वाटर पर आने वाले मरीजों को इंजेक्शन और बॉटल भी यही लगाता है। वहीं इस दौरान डाक्टर साहब भाग नहीं पाए।
मरीज की वापिस लौटाई राशि:-
सरकारी क्वाटर पर चल रही डॉ. के के लेडवानी की दुकानदारी का जब भांडा फूटा तो बड़ी संख्या में पीडि़त मरीज भी सामने आ गए और उन्होनें कहा कि डाक्टर साहब बिना पैसे लेकर इलाज ही नहीं करते है उनको सबक सिखाने के लिए सड़क से जुलूस निकालते हुए थाने ले जाया जाए। लेकिन बाद में कुछ लोगों की समझाईस किए जाने के बाद आम जनता मान गई और फिर मरीज के परिजन से ली हुई राशि को डॉ.लेड़वानी ने लौटा दिया। वहीं मरीज के परिजन महाराज सिंह ने इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव से करते कार्रवाई करने की गुहार लगाई।
भैयालाल का इलाज होगा या नहीं
डाक्टर के के लेड़वानी की दुकानदारी का भांडाफोड़ होने के बाद मरीज भैयालाल की परेशानी और बढ़ गई है और उसे चिंता सता रही है कि अब उसका इलाज सरकारी जिला चिकित्सालय में होगा की नहीं या उसे अन्य मरीजों की तरह अब भोपाल रिफर कर दिया जाएगा। क्योंकि भैयालाल को वैसे भी राशि की व्यवस्था जुटा पाने में 10 दिन का वक्त गुजर गया और अब डाक्टर साहब की करतूत सभी के सामने आ जाने के बाद अब मरीज का अपने उपचार की चिंता सताने लगी है। अगर मरीज का समय रहने उपचार नहीं हुआ तो उसके परिवारिक स्थिति पहले से कुछ ज्यादा अच्छी नहीं और अब उसे परिवार की चिंता सता रही है कि अब लालन पालन कैसे करेगा।
इनका कहना है:-
ऑपरेशन करने के लिए पहले 3 हजार लिए बाद में कहने लगे 2 हजार रूपए और चाहिए इसके बाद ही ऑपरेशन किया जाएगा। जैसे तैसे पहले राशि जुटाई और मेरे जीजा की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जो की राशि जुटा पाए और मैं ने पहले 3 हजार दे दिए थे। लेकिन फिर बाद में 2 हजार रूपए की और मांग की जा रही थी। तो मैं ने पहले पुराना नोट दिया जिसे लेने से इंकार किया फिर 2 हजार का नया नोट उधार लेकर आया।
महाराज सिंह
मरीज का रिश्तेदार
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मैं ने सोचा की लोकायुक्त पुलिस का छापा पड़ गया इसलिए डर के कारण भाग गया था। मरीजों से राशि उनके ऑपरेशन के लिए डाक्टर साहब के कहने से ही जमा की जाती है। जिसके बाद मरीजों का ऑपरेशन डाक्टर साहब करते है।
मनोज मालवीय
वाहन चालक
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शासकीय जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन में लगने वाली सामग्री नहीं है। ऑपरेशन करने के लिए पैसा लिया जाता है जिससे बाजार से सामग्री खरीद कर ही ऑपरेशन किया जाता है और अगर सामग्री खरीदने में कुछ राशि बच जाती है तो उसे मरीज को वापिस भी कर दिया जाता है। हमने तो कई बार ऑपरेशन सामग्री की सिविल सर्जन से डिमाण्ड की लेकिन सामग्री नहीं मिलने की वजह से अब मरीजों से ही राशि लेकर ऑपरेशन कर रहे है।
डॉ.के के लेड़वानी
अस्थि रोग विशेषज्ञ
जिला अस्पताल रायसेन