भोपाल। राज्य शासन के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने निर्देशित किया है कि विभिन्न शासन संधारित मंदिरों को दान के रूप में प्राप्त होने वाली राशि चढोत्री या दान के रूप में प्राप्त होती है। भारत सरकार द्वारा 500 और 1000 की मुद्रा को बंद किये जाने के पश्चात प्रचलन से बाहर हुये इन नोटो के मंदिर में दान या चढोत्री के रूप में प्राप्त होने पर स्वीकार नही किये जायें। प्राप्त होने की दशा में इसकी जानकारी आयकर विभाग को दी जाये।
शासन के मंदिरो में चढोत्री तथा दान स्वरूप दानपेटी में प्राप्त होने वाली धनराशि पर सतत् निगरानी की जाये। यदि धनराशि 500 रूपये व एक हजार के पुराने नोट के रूप में प्राप्त होती है अथवा भविष्य मे प्राप्त हो तो इसकी जानकारी आयकर विभाग के ध्यान मे लाई जाये।