मुंबई। शिवसेना ने यंबकेश्वर मंदिर के पुुरोहितों पर आयकर विभाग के छापेमारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना सरकार को घेरते हुए पूछा है कि क्या काला पैसा हिंदुओं के पास है, देश में मुस्लिम और ईसाई भी हैं। उन पर कार्रवाई की हिम्मत किसी ने क्यों नहीं दिखाई।
सामना के संपादकीय में छपे एक लेख, जिसका शीर्षक 'गर्व से कहो हम हिंदू हैं' में लिखा गया है कि काला पैसा समाज और अर्थव्यवस्था को लगा दीमक ही है। हिंदुस्तान में फिलहाल काले धन के विरुद्ध लड़ाई जारी है, पर काला पैसा बाहर निकालने के लिए सरकारी तंत्र कब किसके घर में घुस जाएगा, यह तय नहीं है। अब आयकर विभाग द्वारा यंबकेश्वर मंदिर के पुरोहितों के जनेऊ पर ही हाथ डालने से महाराष्ट्र का समस्त पुरोहित वर्ग सरकार को श्राप दे रहा होगा।
लेख में टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि महाराष्ट्र से लेकर देश के कोने-कोने में जो मदरसे और मस्जिदें खड़ी हैं। उनकी भव्यता आश्चर्यचकित करने वाली है। इस्लामी देशों से इसके लिए भरपूर विदेशी मुद्रा आ रही है। विदेशों से आनेवाले इस धन का हिसाब मांगने के लिए मदरसों और मस्जिदों पर आयकर विभाग के शूरवीर अधिकारी छापा मारेंगे क्या। इतनी हिम्मत इन लोगों में निश्चित ही नहीं है। सामना के मुताबिक काला पैसा क्या सिर्फ मंदिर के पुरोहित के पास ही है। यह खोज करके मोदी सरकार ने खुद के धर्मनिरपेक्ष होने की भी बात जाहिर कर दी है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पर निशाना साधते हुए मुखपत्र में लिखा गया है कि मियां औवेसी ने नोटबंदी का झटका मुसलमानों को ही लगने की बात कही है। वह कहते हैं कि मुसलमानों के मोहल्ले में एटीएम मशीन नहीं है, जिससे हाहाकार मचा है, पर मियां ओवैसी को हम कहना चाहते हैं कि उनके मुसलमान भाई-बंधु ज्यादा सुखी हैं, क्योंकि हिंदू बस्तियों में जो एटीएम मशीनें है उनमें दिनभर कतारें लगाकर भी पैसा नहीं मिलता।