दिल्ली मेट्रो में लड़कियां चिपककर जेब काट ले जातीं हैं

नईदिल्ली। आप सामान्यत: फूहड़ से दिखने वाले किसी युवक से सावधान होते हैं। उसे जेबकतरा समझते हैं परंतु दिल्ली मेट्रो में लड़कियां जेब काटतीं हैं। वो आपके पास आकर चिपककर खड़ी हो जातीं हैं। अगला स्टेशन आने से पहले बड़ी सफाई से आपकी पॉकेट मारतीं हैं और मुस्कुराते हुए उतरकर चली जातीं हैं। सीआईएसएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए जेबकतरों में 91 प्रतिशत महिलाएं हैं। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को हथियारबंद सुरक्षा मुहैया कराने वाले बल ने इस वर्ष कुल 479 पॉकेटमारों को गिरफ्तार किया है जिनमें से 438 महिलाएं हैं। दिसंबर मध्य तक अद्यतन किये गये पूरे वर्ष के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुके मेट्रो रेल में सुरक्षा बलों ने पॉकेटमारी के खिलाफ 100 से ज्यादा अभियान चलाए। दिल्ली मेट्रो रेल में हर रोज तकरीबन 26 लाख यात्री सफर करते हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार गिरफ्तार पॉकेटमारों में महिलाओं की संख्या इतनी ज्यादा है। पिछले कई वर्षों से यहां हालात ऐसे ही हैं।

केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अभियान के दौरान गिरफ्तार किए गए इन पॉकेटमारों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप देती है। हाल ही में सीआईएसएफ ने ऐसी महिलाओं के एक गिरोह का पर्दाफाश किया था जिसने दिल्ली मेट्रो में पति के साथ यात्रा कर रही भारतीय-अमेरिकी महिला के गहने और अन्य कीमती सामान लूट लिया था। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली मेट्रो में पॉकेटमारी के अपराध में शामिल लोगों में 91 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा मालूम हुआ है कि ये महिलाएं बच्चे के साथ समूह में चलती हैं और महिलाओं तथा पुरुषों के पर्स और अन्य कीमती सामान चुरा लेती हैं।’ पिछले वर्ष गिरफ्तार पॉकेटमारों में 93 प्रतिशत महिलाएं थीं।

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