चंडीगढ़। लिव इन में रहने वाली महिला पार्टनर से गुजारा राशि पाने की हकदार है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले में लिव इन रिलेशन से पैदा हुए बच्चों को भी गुजारा राशि पाने का हकदार बताया। जस्टिस जयश्री ठाकुर ने कहा कि लिव इन रिलेशन मौजूदा समय में असाधारण बात नहीं रही। समाज में बदलाव आ रहा है। लिव इन रिश्ते स्वीकारे जा रहे हैं।
ऐसे में गुजारा भत्ते की हकदार लिव इन में रहने वाली महिला और उसके बच्चे भी हो सकते है। साथ ही कहा कि तलाक के बाद शादी न करने वाली महिला गुजारा राशि पाने की हकदार है तो लिव इन में रहने वाली महिला को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।
पुरुष ने झूठ बोलकर बनाए थे रिलेशन
गुड़गांव का एक कपल 2007 से लिव इन में रहा और 2011 में जुड़वां बच्चे भी पैदा हुए। पुरुष ने महिला को बताया कि वह तलाकशुदा है और वह उससे शादी करना चाहता है। महिला ने भी तलाक ले लिया। बाद में पता चला कि पुरुष ने तलाक नहीं लिया था। इसके बाद अलग रहने के फैसले पर महिला ने गुड़गांव के फैमिली कोर्ट में शिकायत दी।
कोर्ट ने दोनों बच्चों के लिए दस-दस हजार और महिला के लिए 20 हजार रुपए गुजारा राशि तय की। पुरुष ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। कहा कि महिला को पता था वह शादीशुदा है। साथ ही महिला ने बड़ी राशि लेकर तलाक लिया हैै। इसलिए गुजारा राशि का फैसला खारिज हो। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को कहा कि महिला को तलाक के बदले राशि मिली है ताे व गुजारा भत्ता की राशि कम कर सकती है।