भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राजनैतिक गुरू एवं राजनीति के चाणक्य पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा नहीं रहे। बुधवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। वो 92 वर्ष के थे और मप्र में भाजपा को शक्तिशाली बनाने वाले नेताओं में प्रमुख नाम माना जाते थे।
पटवा 1980 में एक महीने के लिए जनता पार्टी के सरकार में मध्यप्रदेश के सीएम बने थे। इसके बाद वे 5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक दूसरी बार बीजेपी सरकार के सीएम रहे। जनसंघ से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले पटवा 1997 में छिंदवाड़ा से लोकसभा सदस्य भी बने। हालांकि एक साल बाद 1998 में हुए आम चुनाव में पटवा हार गए।
1999 में होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से पटवा फिर जीते और वाजपेयी सरकार में मंत्री बने। एक राजनेता के तौर पर सुंदरलाल पटवा को सख्त कायदों के लिए जाना जाएगा। सुंदरलाल पटवा तीन बार एमपी विधानसभा के सदस्य रहे। 1999 से 2000 के बीच पटवा वाजपेयी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री थे. इसके बाद 30 सितंबर से 7 नवंबर 2000 तक पटवा केंद्रीय रसायन एवं खाद्य मंत्री रहे. इसी सरकार में में पटवा को 2000 से 2001 तक केंद्रीय खनन मंत्री बनाया गया।