गंगा में पानी के जहाज चलाएगी सरकार

वाराणसी। अगले साल से गंगा में चीन की तर्ज पर इलाहाबाद से हल्दिया के बीच ऐसे जलपोत चलाए जाएंगे, जिन पर एक ही बार में 300 से 500 कारें भेजी जा सकेंगी। बेल्जियम की एक कंपनी को डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फरवरी तक यह कंपनी फाइनल डिजाइन तैयार कर आईडब्ल्यूएआई (इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को सौंप देगी। 

गंगा में माल ढुलाई के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इलाहाबाद से हल्दिया(पश्चिम बंगाल) के बीच जलमार्ग विकसित किया जा रहा है। काम भी शुरू हो गया है। 4200 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के प्रथम चरण में वाराणसी से हल्दिया को विकसित किया जा रहा है। 

वाराणसी में केंद्रीय सड़क एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने जलपोत वीवी गिरि से कोलकाता के लिए 24 मारुति कारें भेजी थी। वासुदेव नामक जलपोत से भवन निर्माण सामग्री भेजी गई थी। इसमें अपेक्षित लाभ नहीं मिलने के कारण दोनों जलपोत दोबारा वाराणसी नहीं आए। इसके मद्देनजर हाल ही में आईडब्ल्यूएआई की टीम चीन के दौरे पर गई थी। जहां उसने जल परिवहन की बारीकियों को देखा और उस पर मंथन किया। 

टीम का नेतृत्व कर रहे परियोजना निदेशक प्रवीर पांडेय ने बताया कि चीन का जल परिवहन विकसित है, वहां चलने वाले जलपोतों की भार वहन क्षमता ज्यादा है। इसी तर्ज पर गंगा में कम जल स्तर में ज्यादा क्षमता के जलपोत चल सकें, इसके लिए बेल्जियम की संस्था से करार किया गया है। फरवरी में डिजाइन मिल जाने के बाद ऐसे जलपोत का निर्माण शुरू हो जाएगा।
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