नोटबंदी: कांग्रेस को चाहिए श्वेतपत्र, निकासी की आजादी और किसानों को मुआवजा

नई दिल्ली। राहुल गांधी ने नोटबंदी पर अपना अभियान तेज करते हुए इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र लाने की मांग की और एक ‘मांग पत्र’ रखा, जिसमें नकद निकासी पर सभी तरह की पाबंदी हटाने और इसके चलते प्रभावित हुए किसानों, व्यापारियों तथा गरीबों को मुआवजे की मांग शामिल है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मनरेगा का पारिश्रमिक और प्रत्येक श्रमिक के कार्य दिवस दोगुना करने की मांग की। इसके अलावा दुकानदारों को आयकर एवं बिक्री कर में 50 फीसदी छूट देने, किसानों को रबी की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 20 फीसदी बोनस देने और उनका कर्ज माफ करने की भी मांग की।

कांग्रेस के 132वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए राहुल ने मोदी पर डर और घृणा की राजनीति करने का आरोप लगाया तथा अपनी पार्टी के लोगों से उनकी विचारधारा को शिकस्त देने को कहा। उन्होंने कहा, ‘आठ नवंबर को मोदी जी ने कहा था कि वह भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ ‘यज्ञ’ कर रहे हैं। प्रत्येक यज्ञ में किसी की बलि दी जाती है और प्रत्येक यज्ञ किसी के लाभ के लिए किया जाता है।’ 

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘नोटबंदी का यज्ञ देश के एक प्रतिशत अत्यधिक धनी 50 परिवारों के लिए है। इस यज्ञ में गरीबों, किसानों, मजदूरों, मध्यवर्ग और छोटे दुकानदारों की बलि दी जा रही है। इससे बहुत तकलीफ हो रही है।’ मांग पत्र के जरिए उन्होंने उन सभी लोगों के नामों की सूची मांगी है जिन्होंने नोटबंदी की घोषणा से पहले 25 लाख रूपये जमा कराए थे। उन्होंने बुरी तरह से प्रभावित लोगों को राहत देने की मांग की, जिसमें हर बीपीएल परिवार की कम से कम एक महिला को 25,000 रूपया देने का प्रावधान किया जाना भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री को देश से कुछ चीजों को स्पष्ट करना चाहिए। आठ नवंबर के बाद कितना कालाधन बाहर आया और नोटबंदी के चलते देश को कितना आर्थिक नुकसान पहुंचा है। कितने लोगों की जानें गई और क्या उन्हें कोई मुआवजा दिया गया है।’ 

राहुल ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने यह फैसला करने से पहले किससे मशविरा किया और जिन विशेषज्ञों से राय ली उनका नाम बताएं। प्रधानमंत्री उन लोगों का नाम भी मुहैया करें जिन्होंने नोटबंदी से पहले 25 लाख रूपया या इससे इससे अधिक अपने खातों में जमा कराए थे।’ 

मांगों की तहत राहुल ने कहा कि नोटों की निकासी पर सभी तरह की पाबंदी तत्काल प्रभाव से हटाई जाए और जब तक ये पाबंदियां हैं, तब तक सभी को 18 फीसदी सालाना ब्याज दर से एक विशेष ब्याज दिया जाए। उन्होंने यह मांग भी की कि डिजिटल लेन देन पर सारे शुल्क खत्म किए जाएं। उन्होंने कहा कि मांग पत्र भारत की जनता की ओर से है।

राहुल ने कहा कि जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) व्यवस्था के तहत बांटे जाने वाले राशन की कीमत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत साल भर के लिए आधी की जानी चाहिए और रबी की सभी फसलों पर एमएसपी या उससे ऊपर की रकम पर एकमुश्त 20 फीसदी बोनस मुहैया किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को आयकर एवं बिक्री पर 50 फीसदी की छूट दी जानी चाहिए। केंद्र सरकार को इस छूट से राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए। उन्होंने मनरेगा के तहत कार्य दिवस और पारिश्रमिक दर को साल भर के लिए दोगुना करने की भी मांग की। उन्होंने यह मांग भी की कि सरकार को 8 नवंबर के बाद से अपनी नौकरियां गंवाने वाले लोगों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान चलाना चाहिए और उन्हें मुआवजा दिया जाए।

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