नईदिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के इस्तीफे के पीछे दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से उनके खराब रिश्ता भी अहम वजह हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नजीब जंग का टशन शुरू से ही थी। कई बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नजीब जंग पर केंद्र के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया था।
केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा था कि दिल्ली के उपराज्यपाल केंद्र की मोदी सरकार के दबाव में दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दे रहे हैं। लगातार दिल्ली सरकार के फैसले को पलट देते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नजीब जंग की तुलना हिटलर से भी की थी।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन उनके पद पर रहने के दौरान उन पर केंद्र सरकार की कठपुतली होना आरोप लगता रहता था। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने उन पर ये आरोप लगाए थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार की ओर से लिए गए कई फैसले पलट दिए। चाहे नौकरशाहों की नियुक्ति का मामला हो या फिर राज्य से जुड़े अहम फैसले हों, उपराज्यपाल की ओर से अड़ंगा लगाया गया।
दिल्ली के उपराज्यपाल पद से नजीब जंग के इस्तीफे के पीछे एक वजह उनके दो पाटों के बीच फंसना भी माना जा रहा है। दरअसल, नजीब जंग दिल्ली के उपराज्यपाल थे। दिल्ली चूंकि केंद्रशासित प्रदेश है, यानी यहां केंद्र सरकार का सीधा दखल होता है। साथ ही दिल्ली में एक चुनी हुई निर्वाचित सरकार भी है, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं।
माना जा रहा है कि दिल्ली की आप सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच नजीब जंग फंस गए। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के आरोप पर गौर करें तो केंद्र सरकार के अधीन होकर उपराज्यपाल फैसले लेते हैं। माना यही जा रहा है कि इन आरोपों के चलते ही नजीब जंग को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
नजीब जंग के अपना पद छोड़ने के पीछे एक और वजह जो नजर आ रही है वो यही है कि उन्हें शायद ये लगने लगा था कि भविष्य में उन्हें कोई अच्छा पद मिलने की संभावना नहीं है। ये बात इसलिए क्योंकि हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि नजीब जंग एक मुसलमान हैं। एक मुसलमान होने के नाते मोदी सरकार कभी भी उन्हें उपराष्ट्रपति का पद नहीं सौंपेगी।
इन्हीं सियासी बयानबाजी से शायद नजीब जंग इस कदर परेशान हो गए कि उन्हें अपना पद छोड़ना ज्यादा आसान लगा। हालांकि नजीब जंग की ओर से साफ किया गया है कि वो एकेडमिक्स की ओर लौटेंगे। वहीं दिल्ली सरकार की ओर से मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके कहा कि तमाम खट्टे मीठे अनुभवों के बीच नजीब जंग के साथ हमने मिलकर दिल्ली के लिए बहुत अच्छा काम किया। बता दें कि नजीब जंग का अभी डेढ़ साल का कार्यकाल बचा हुआ था।