निष्कासन के बाद ज्यादा पॉवरफुल हो गए अखिलेश यादव, मुलायम सिंह कमजोर

नईदिल्ली। सपा के नेताजी मुलायम सिंह ने गुस्से में आकर अखिलेश यादव को 6 साल के लिए सपा से निष्कासित तो कर दिया लेकिन इसी के साथ मुलायम सिंह कमजोर भी पड़ गए। ऐसे ही किसी अवसर का इंतजार कर रहे राहुल गांधी, अखिलेश का सपोर्ट करने जा रहे हैं। आरएलडी के जयंत भी अखिलेश के साथ हैं। ये युवा तिकड़ी यूपी की राजनीति में कुछ नया कर सकती है। 

यूपी के लिए कांग्रेस की रणनीति
खबर है कि अगर यूपी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की नौबत आती है तो कांग्रेस, आरएलडी और कुछ निर्दलीय विधायक सीएम अखिलेश यादव का समर्थन कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अखिलेश और मुलायम की ओर से बुलाई गई विधायकों की बैठक पर पैनी नजर रखेगी। कांग्रेस यह देखेगी कि अखिलेश के साथ कितने विधायक हैं। सूत्रों का कहना है कि अब गेंद राज्यपाल के पाले में हैं और वो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए कहेंगे। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस, आरएलडी और कुछ निर्दलीय विधायक सीएम अखिलेश यादव का समर्थन करेंगे।

राहुल, अखिलेश और जयंत की बनी तिकड़ी
अब सपा में मुलायम सिंह, कांग्रेस में सोनिया गांधी और आरएलडी में अजीत सिंह नहीं बल्कि अखिलेश, राहुल और जयंत फैसले ले रहे हैं। बताया जाता है कि तीनों आपस में संपर्क में हैं। राहुल और जयंत ने अखिलेश को सपोर्ट करने का भरोसा दिया है। जयंत ने राहुल से बात करने के बाद अखिलेश को संदेश दिया कि हम सब साथ हैं।

मुलायम को यूटर्न लेने की सलाह 
इस बीच, सूत्र बता रहे हैं कि सपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अखिलेश यादव को सपा में वापस लेने की मुलायम सिंह यादव से सिफारिश की है। इन नेताओं में बेनी प्रसाद वर्मा, माता प्रसाद पांडेय, दुर्गा यादव, रेवती रमण सिंह, बलराम यादव शामिल हैं। इन नेताओं ने मुलायम से अपील की है कि वो शनिवार सुबह तक अखिलेश को पार्टी में वापस ले लें। इन्होंने कहा है, 'रामगोपाल के किए की सजा अखिलेश को ना दें।

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