
नगरीय निकाय की परमिशन के बाद शुल्क निगम द्वारा तय किया जाएगा। आवेदन के बाद संबंधित अधिकारी एक महीने के अंदर अनुमति जारी कर सकेंगे। संचालन की अनुमति एक से पांच साल तक के लिए दी जाएगी। निजी व्यक्ति यदि पार्किंग संचालित करता है तो वह अपने पार्किंग स्थल पर विज्ञापन करके अपनी आमदनी में इजाफा कर सकेगा। देश के बड़े शहरों की तर्ज पर ड्राफ्ट में इस प्लान को शामिल किया गया है।
नगरीय निकाय को मिलेंगे अधिकार
नगरीय निकाय पार्किंग की कटेगरी तय कर सकेंगे।
ड्राफ्ट में नगरीय निकाय को यह भी छूट दी गई है कि वह चाहे तो लोगों की मांग पर शुल्क कम कर सकेगा।
निर्धारित स्थान पर एंबुलेंस, साइकल और ऑटोरिक्शा के लिए शुल्क नहीं लगेगा।
विशेष लोगों के लिए पार्किंग शुल्क नहीं देना होगा।
जनसुविधा को देखते हुए किसी भी क्षेत्र को नो पार्किंग जोन घोषित करने का अधिकार होगा।
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मल्टीलेवल पार्किंग का इंतजार
इधर, नए पार्किंग ड्राफ्ट की तैयारी चल रही है,लेकिन निगम प्रशासन अब तक शहर में पार्किंग का काम पूरा ही नहीं कर पाया। ऐसे में लोगों के लिए गाड़ियां खड़ी करने के लिए जगह ही नहीं है। चार- पांच साल पहले तीन स्थानों पर एमपी नगर, न्यूमार्केट और हलालपुर स्थित मल्टी लेवल पार्किंग की योजना तैयार की,लेकिन तीनों जगह के काम अधूरे पड़े हैं। सिर्फ इब्राहिमपुरा और मोती मस्जिद के पास बने दो मंजिला पार्किंग भवन ही चालू हो पाए हैं। लेकिन इनमें गाड़ियां खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह ही नहीं है। निगम अधिकारियों के अनुसार मल्टीलेवल पार्किंग का काम तेजी से चल रहा है, इसे चालू होने में 6 महीने का समय लगेगा।