शहडोल। दिसम्बर माह बीतने के कुछ ही दिन शेष है पर यहां के कुछ विकासखण्ड के उदासीन अधिकारियों व संकुल प्राचार्यो द्वारा शासन की मंशानुरूप अध्यापकों को छठवां वेतनमान का लाभ नही दिया गया जिस कारण से अध्यापकों को 8 से 10 हजार का नुकसान प्रतिमाह उठाना पड़ रहा है। वेतनमान की गणना में बरती जा रही आहरण संवितरण अधिकारियों की लापरवाही जिससे अभी तक संकुलों के अधिकांश अध्यापकों को शासन की मंशानुसार छठे वेतन का लाभ नहीं मिला।
विदित है कि 2.50 लाख अध्यापकों हेतु प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा विगत 15 अक्टूबर 2016 को 6वें वेतनमान का आदेश जारी किया था। अधिकारियों को 2013 में हुये जारी आदेश की कंण्डिका 2.9 के आदेश का पालन करते हुये अध्यापकों की सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक से करते हुये वर्ष 2007 से अध्यापकों हेतु पांचवा वेतन की गणना एवं 2013 से 1.86 का गुणा करते हुए वर्तमान समय तक काल्पनिक गणना करके वेतन तैयार करना है जिसे 01 जनवरी 2016 से वर्तमान माह तक एरियर्स एवं माह अक्टूवर 2016 से वेतन भुगतान की नकद प्रक्रिया प्रारंभ की जानी थी, अध्यापकों को शासन की मंशानुरूप छठवें वेतनमान का लाभ कई जिलों में मिल चुका है, जिले के केवल बुढ़ार विकासखण्ड के बीईओ श्री अशोक शर्मा ने तत्परता दिखाते हुये अध्यापकों के हितार्थ छठवां वेतनमान निर्धारण कर लाभ देना शुरू कर दिया है छठवें वेतनमान का लाभ दिये जाने पर संगठन के पदाधिकारियों ने बीईओ श्री अशोक शर्मा के प्रति साधुवाद ज्ञापित किया है।
लेकिन अभी गोहपारू,जयसिंहनगर, सोहागपुर,एवं ब्यौहारी के विकास खण्डों में पदस्थ बीईओ एवं कुछ संकुल प्राचार्यो द्वारा वेतनमान देने की प्रक्रिया प्रारंभ तक नही की गई है जिससे सैकड़ों अध्यापकों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है ।
विदित है कि म.प्र.शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अपने पृष्ठांकन क्रं./एफ-1-3 /2013/22/पं.-2 दिनांक 15-10-2016 वं नगरीय प्रशासन के सचिव म.प्र.शासन द्वारा अध्यापकों के 6वें वेतनमान के आदेश जारी कर दिये थे पर जिम्मेदार डीडीओं व अधिकारियों व लेखापालों द्वारा उक्त लाभ दिये जाने में हीलाहवाली की जा रही है, गणना पत्रक को मनमाने तरीके से प्रस्तुत कर अध्यापकों को गुमराह किया जा रहा है उक्त स्थिति निर्मित हो जाने से हजारों अध्यापकों में रोष व्याप्त है।
विगत 19 दिसम्बर को भोपाल में अध्यापक संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल ने आयुक्त लोक शिक्षण से मुलाखात कर अध्यापकों को शासन के आदेश के अनुक्रम का पालन न करते हुये प्रदेश के सभी संबंधित अधिकारियों की शिकायत की थी जिस पर आयुक्त लोकशिक्षण ने अपने आदेश क्रमांक/ शिक्षाकर्मी/बी/444/2016/3001 भोपाल दिनांक 22-12-2016 को जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि कार्यरत अध्यापक संवंर्ग को शासन के निर्देशो के अनुसार वेतन निर्धारण कर भुगतान के उपरान्त ही वेतन निर्धारण का अनुमोदन स्थानीय संपरीक्षा निधि कार्यालय से कराये। आदेश में आगे यह भी स्पष्ट किया गया है कि संचालनालय को जानकारी प्राप्त हुई है कि प्रदेश के कुछ कतिपय अधिकारियों द्वारा अध्यापक संवंर्ग को दिये जाने वाला वेतन रोक दिया गया है जो कदापि उचित नही है। एवं ऐसे अधिकारी जिन्होने आज उक्त आदेश का पालन नही किया है उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर महोदय एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास व जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि शासन द्वारा जारी छठवें वेतन के आदेशानुसार जिन अधिकारियों द्वारा शासन की छवि धूमिल की जा रही है उनके विरू़द्ध कार्यवाही करते हुये अध्यापकों को दिसम्बर के वेतन में छठवें वेतनमान का लाभ दिलाया जाये अन्यथ संगठनों के पदाधिकारियों को जनवरी के प्रथम सप्ताह में आन्दोलन करने को वाध्य होना पड़ेगा। उक्ताशय की जानकारी अध्यापक संघ के संभागीय अध्यक्ष संतोष शर्मा, गजानन दीक्षित, संगठन के अध्यक्ष विजयकृष्ण मिश्रा द्वारा द्वारा दी गई।