शोएब सिद्दीकी। कल सपाक्स के अब तक के संक्षिप्त सफर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव हमने तय किया। इस यात्रा की अब तक की सुखद अनुभूतियों से किसी भी संगठन को रश्क़ हो सकता है और संभवतः है भी! यह सब किसी व्यक्ति विशेष की ऊर्जा का प्रताप नहीं है बल्कि हम सब के अंदर घुमड़ती उस प्रताड़ना का विस्फोट है जिसे बाहर निकलने के लिये एक हल्की दरार की दरकार मात्र थी।
कल के इस अधिवेशन को सही मायनों में हमारे पहले महाधिवेशन की संज्ञा दी जानी चाहिये, जो संभव नहीं था बगैर आपकी ऊर्जामयी सहभागिता के। हालाँकि पूर्व अवसरों की भाँति इस बार भी आयोजन अल्पसूचना और तिस पर भी निर्धारित से एक दिवस पूर्व किया गया। कई उत्साही साथी इस कारण अपनी व्यक्तिगत व्यस्तताओ के चलते हृदय से यहीं होने के बावजूद सशरीर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीँ करा सके।
इस बार आपकी अपेक्षाओं को जानने (जिसका प्रदर्शन पूर्व में भी हमारे सक्रिय साथी और कई जिला पदाधिकारी विभिन्न अवसरों पर करते रहे हैं) के लिये और तदानूरूप अग्रिम रणनीति तैयार करने के लिये ही प्रांत से हमने कुछ कहने अथवा थोपने की बजाय सिर्फ सभी को सुनने का लक्ष्य रखा था। अधिकाँश जिलों ने अपनी बात रखी, हालाँकि तब भी समयाभाव के कारण कुछ जिलों को बोलने का मौका नहीँ मिल सका जिसका खेद है। प्रांतीय टीम के संबन्ध में और उसकी कमियों की ओर भी कुछ जुझारू साथियों ने इंगित किया और निर्देशों में स्पष्टता की कमी को रेखांकित किया।
हमारे विस्तार की इबारत भी इस अधिवेशन में लिखी गई जो सपाक्स समाज संस्था के रुप में प्रकट हुई और इस नये अध्याय को रचने के लिये प्रणेता श्री ललित शास्त्री जी को साधुवाद। वे स्वयं एक प्रकाण्ड विद्वान और अनुभवी ख्यात पत्रकार हैं। समाजिक जागृति में इस नवगठित संस्था की उल्लेखनीय भूमिका होगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये उनके जैसे व्यक्तित्व के हाथों में कमान होना ही सफलता की उद्घोषणा है।
इस आयोजन में हम वरिष्ठतम लोगों तक एक संदेश देने में सफल हुए और नई पीढी को भी अपना लक्ष्य समझाने में। पूर्व डीजीपी श्री त्रिपाठीजी और युवा कर्मठ महिला सरपंच सुश्री भक्ति शर्मा की मंच पर उपस्थिति इसे मुखरता से रेखांकित करती है।
इस अधिवेशन में आपसे प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों और आपके बिना शर्त उद्देश्य के प्रति समर्पण तथा उत्साह ने हमें पुन: एक नई ऊर्जा प्रदान की। प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्यों के कंधों पर अब यह महती जिम्मेदारी है कि इस सामूहिक ऊर्जा का उपयोग सभी अपने दायित्वों के नीर्वाहन से न्याय करते हुए सम्पूर्ण समर्पण से करें। अन्यथा समय इस अवसर को चूकने पर हमें माफ नहीं करेगा और इतिहास में हम असफलता के एक बदनुमा दाग के रुप में दफ्न होंगे।
आपके सुझावों के अनुरूप आगामी माह के लिये समयबद्ध सम्पूर्ण कार्ययोजना को अंतिम रुप दिया जा रहा है और 1-2 दिन में यह आपके सम्मुख होगी।
पुन: सभी को सहभागिता के लिये साधुवाद! शुभकामनाएँ!!!
जय सपाक्स.....