नई दिल्ली। सरकार बैंकों में जमा बिना हिसाब किताब वाले धन पर जहां एक तरफ कड़ा जुर्माना लगाने की पहल कर रही है वहीं उसने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों के खाते में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों में जमा राशि पर आयकर नहीं लगेगा। भारत के राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा है कि सरकार राजनीतिक दलों को प्राप्त कर छूट में कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है। राजनीतिक दल 500 और 1,000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा कराने के लिये मुक्त हैं लेकिन इस प्रकार की जमा पर शर्त होगी कि इसमें नकद में लिया गया व्यक्तिगत चंदा 20,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिये।
सरकार ने यह भी कहा है किसानों की कृषि आय कर मुक्त है, हालांकि, इस मामले में किसानों को एक घोषणा पत्र देना होगा जिसमें यह कहना होगा कि उनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है। ऐसी घोषणा से उन्हें बैंक जमा के लिये पैन की आवश्यकता नहीं होगी। अधिया ने कहा कि जो किसान घोषणा पत्र जमा नहीं कर पायेंगे उन्हें स्थायी खाता संख्या यानी पैन देना होगा।
अधिया ने कहा कि आयकर कानून 1961 की धारा 13ए के तहत राजनीतिक दलों को उनकी आय पर कर से छूट प्राप्त है। उनकी यह आय आवास संपत्ति, अन्य स्रोतों, पूंजीगत लाभ और किसी व्यक्ति की ओर से स्वैच्छिक योगदान से हो सकती है। राजनीतिक दलों को इन श्रेणियों में होने वाली आय बिना किसी मौद्रिक और अन्य सीमाओं के साथ आयकर छूट प्राप्त है और इस प्रकार की छूट प्राप्त आय को आयकर आकलन के लिये राजनीतिक दलों की कुल आय में भी शामिल नहीं किया जाता है।