
अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क डेली’ ने घटना की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को 18 साल की यास्मीन सब-वे ट्रेन से घर लौट रही थी। ईस्ट साइड इलाके में तीन लोगों ने पहले इस्लाम विरोधी नारे लगाए और लड़की को आतंकवादी बताया। इसके बाद उन्होंने यास्मीन पर हमला करते हुए उसका हिजाब खींचने की कोशिश की। घटना के बाद आरोपी डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लेकर इस्लाम विरोधी नारेबाजी करते रहे। विक्टिम ने खुद घटना की पुष्टि की है।
जांच में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी मिलने के बाद न्यूयॉर्क पुलिस का ‘हेट क्राइम’ डिपार्टमेंट इसकी जांच कर रहा है। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। यास्मीन के मुताबिक, उसे इस बात की हैरानी है कि घटना के वक्त कई लोग मौजूद थे लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। यास्मीन ने बताया कि हमलावर उसे आतंकी बताते हुए देश छोड़ने की मांग कर रहे थे। उसने कहा- मैं अमेरिका में पैदा हुई और अमेरिकन ही हूं।
मस्जिदों को भेजे थे धमकी भरे लेटर
पिछले हफ्ते कैलिफोर्निया की कई मस्जिदों को धमकी भरे लेटर भेजे गए थे। इसमें मुस्लिमों को नरसंहार को धमकी दी गई थी जबकि प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रम्प की तारीफ की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, लेटर्स में लिखा था- शहर में नया शेरिफ आ गया है। प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प। वो अमेरिका को साफ करके उसे फिर से शाइनिंग बनाएंगे। और इसकी शुरुआत मुस्लिमों से होगी। आपके साथ वही होगा जो हिटलर ने यहूदियों के साथ किया था। एक मुस्लिम नेता ने कहा था- ट्रम्प को हालात नॉर्मल करने होंगे। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि वो सभी अमेरिकियों के प्रेसिडेंट होंगे।