नईदिल्ली। सारे देश ने कालाधन के खिलाफ नोटबंदी जैसे कष्टदायक फैसले में सरकार का साथ निभाया परंतु मोदी सरकार कालाधन के विरुद्ध लड़ाई में नाकाम रही। उसने कालाधन सरेंडर करने वाली पुरानी योजना को फिर से एक्टिवेट कर दिया है। लास्ट डेट 31 मार्च दी है। सरेंडर की अपील और पुरानी योजना का फिर से लागू किया जाना, यह प्रमाणित करता है कि ईडी, आयकर विभाग और दूसरी तमाम सरकारी ऐजेंसियां कालाधन खोजने में पूरी तरह से नाकाम हो गईं हैं। इसके लिए अब किसी तथ्य या नए तर्क की आवश्यक्ता ही नहीं।
सरकार ने फिर की अपील
केंद्र सरकार की काले को सफेद करने की यह योजना अगले साल 31 मार्च तक लागू रहेगी. इस मामले में राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि यह नई योजना (पीएमजीकेवाई) शनिवार (17 दिसंबर) से शुरू हो रही है, जिसके तहत कर चोरी करने वालों को गोपनीयता और अभियोजन स छूट की पेशकश की गई है.
बिफल सरकार ने दी धमकी
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराई गई राशि के बारे में यदि सरकार को जानकारी नहीं दी गई तो ऐसे लोगों को कड़े जुर्माने के साथ-साथ सजा भी होगी. राजस्व सचिव अधिया ने कहा कि नई घोषित योजना के तहत कालेधन की घोषणा नहीं कर बाद में आयकर रिटर्न में उसे आय के रूप में दिखाने पर कुल मिलाकर 77.25 फीसदी तक का जुर्माना और कर देना होगा. यही नहीं अगर किसी ने इस योजना के तहत और उसके बाद रिटर्न में भी इस तरह के धन का खुलासा नहीं किया तो 10 फीसदी का अतिरिक्त जुर्माना भी लगेगा साथ ही मुकदमा भी चलाया जाएगा.
शनिवार से शुरू हुई योजना
उन्होंने कहा, "शनिवार, 17 दिसंबर से ज्यादातर बैंकों में पीएमजीकेवाई योजना का लाभ लेने हेतु कर जमा कराने का चालान उपलब्ध होगा. इसमें 50 फीसदी कर, जुर्माने का भुगतान और अघोषित राशि के 25 फीसदी हिस्से को चार साल के लिए अलग रखा जायेगा. इन्हीं शर्तों पर कोई व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकेगा."
टैक्स चोरों के नाम बदनाम नहीं होने देगी सरकार
योजना के तहत इस तरह के धन पर पहले कर चुकाने होंगे और कर भुगतान प्राप्ति के आधार पर ही योजना का लाभ लिया जा सकेगा. इस योजना के तहत किसी भी तरह के काले धन के खुलासे को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा और अघोषित राशि को वर्ष की आयकर रिटर्न में नहीं दिखाना होगा.
नोटबंदी के बाद क्या कहा था मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नोटबंदी से पहले हमने कालाधन को सफेद करने के लिए योजना चलाई थी। सबको मौका दिया था। कई लोगों ने इसका फायदा भी उठाया परंतु कई लोगों ने इस योजना के बाद भी कालाधन छुपाए रखा। अब मैने उनके पैसे रद्दी कर दिए हैं। उन्हे कोई मौका नहीं दूंगा। पहले लोग गंगा में चवन्नी नहीं डालते थे, अब नोट बह रहे हैं। जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि बेईमानों को नहीं छोड़ूंगा। आजादी के बाद से अब तक का हिसाब लिया जाएगा।