
गौर द्वारा अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा हाईकमान को भेजने से भाजपा के मंत्री, सांसद और विधायकों में हलचल मच गई है। गौर की इस पहल ने पार्टी में नई बहस भी छेड़ दी है। गौर ने अपने पत्र में आठ नवंबर से अब तक के ट्रांजेक्शन का भी हवाला दिया है।
गौर ने पार्टी हाईकमान और प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों का पालन करते हुए यह कदम उठाया है। गौर द्वारा अपने अकाउंट और सम्पत्ति का ब्यौरा शाह को भेजकर प्रदेश के नेताओं को नैतिक संकट में डाल दिया है। अब इन पर भी सम्पत्ति का ब्योरा भेजने का दबाव बढ़ गया है।