
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक बयान में कहा, '2 करोड़ रुपये तक की टर्नओवर वाले कारोबारियों के मुनाफे को इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 44AD के तहत 8 पर्सेंट मानने की बजाय 6 पर्सेंट माना जाएगा, यदि वह डिजिटल पेमेंट को स्वीकार करते हैं।' सीबीडीटी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सरकार के कैशलेस इकॉनमी के मिशन को पूरा करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा छोटे कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से भी यह कदम उठाया गया है।
टैक्स डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया, 'हालांकि कुल टर्नओवर के 8 पर्सेंट पर टैक्स ऐसे कारोबारियों को चुकाना होगा, जो कैश में पेमेंट स्वीकार करेंगे। सेक्शन 44AD के तहत उन्हें ऐसी छूट नहीं मिलेगी।' सीबीडीटी ने कहा कि इस छूट को लेकर 2017 में मनी बिल के तौर पर संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा।