सरकारी अफसरों ने फर्जी कैस बनाया, अब मुआवजा देना होगा: हाईकोर्ट

Bhopal Samachar
ग्वालियर। निर्दोष होने के बाद भी 5 साल तक थाने और कचहरी के चक्कर लगाए। मानसिक प्रताड़ना झेली। इसके लिए पक्षकार को शासन कितना मुआवजा देगा? इसका जवाब पेश करो। यह कहते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मुख्य सचिव, भिंड कलेक्टर,एसपी, सीएसपी आदि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

जस्टिस जीएस अहलुवालिया की सिंगल बेंच में गुरुवार को शासकीय जमीन पर कब्जा करने की एफआईआर को रद्द करने के लिए राकेश कुमार शिवहरे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में सिटी कोतवाली भिंड के थाना प्रभारी आरिफ मिर्जा बेग पेश हुए। उन्होंने कहा कि एसडीएम की एक रिपोर्ट के आधार पर पक्षकार को आरोपी बनाया गया था। लेकिन प्रथम दृष्टया जांच के बाद यह जानकारी मिली है कि उक्त सरकारी जमीन पर इनका कब्जा नहीं है। कोर्ट ने पुलिस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि निर्दोष पक्षकार को 5 साल तक झूंठा फंसाए रखा गया। कोर्ट में 15 दिन में इसका जवाब पेश करो। शासन की ओर से अधिवक्ता गिर धारी सिंह चौहान ने पैरवी की।

2010 में FIR दर्ज की
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि सिटी कोतवाली भिंड ने 2010 में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसमें सरकारी जमीन सर्वे नंबर 920 और 921 पर कब्जा करने का झूठा आरोप लगाया। जबकि भूमि सर्वे नंबर 923 जमीन उसकी थी। शासकीय जमीन से उसका कोई लेना देना नहीं था। इस संबंध में तहसीलदार का एक पत्र भी पुलिस को दिखाया गया। लेकिन इसके बाद भी उसे आरोपी बना दिया। इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनंत कुमार बंसल ने पैरवी की।

पुलिस हो तो किसी को भी आरोपी बना दोगे:
कोर्ट ने पुलिस की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जताई। साथ ही पुलिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आप पुलिस हैं,तो क्या किसी भी निर्दोष को आरोपी बना देंगे। आखिर केस में अाप अनुसंधान क्या करते हैं। साथ ही समय पर कोर्ट में केस डायरी भी पेश नहीं करते।

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