बैंक कर्मचारियों ने वेतन लेने आए सफाईकर्मियों को बाहर निकाला

भटिंडा/पंजाब। नगरनिगम दफ्तर के साथ ओबीसी की ब्रांच में जब सफाई कर्मचारी वेतन लेने के लिए पहुंचे तो उनको बैंक से बाहर निकाल दिया गया। साथ ही अपने रूटीन के काम के लिए पहुंचे आम लोगों को भी बैंक मुलाजिमों ने बाहर निकाल कर गेट बंद कर दिया। इस कारण सफाई कर्मचारी रोष में गए, जिन्होंने वहीं बैंक में ही हंगामा कर दिया। 

कर्मचारियों के रोष को देखते हुए नगर निगम के अफसर ब्रांच में पहुंचे। जिन्होंने कर्मचारियों को वेतन मिलने का कारण जाना तो पता लगा कि बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इसके बाद उन्होंने बैंक प्रबंधकों से बातचीत कर खुद ही मोर्चा संभालते हुए कर्मचारियों को वेतन जारी करवाया। इस दौरान निगम के ज्वाइंट कमिश्नर बीडी सिंगला मौके पर ही मौजूद रहे। शहर में ओबीसी बैंक की आठ ब्रांचे हंै। जहां पर कर्मचारी सुबह काम के लिए पहुंचे मगर मैनेजर के खिलाफ दर्ज किए केस वापस लेने के विरोध में हड़ताल का ऐलान कर दिया। 

गांवघुद्दा की शाखा में भी लोगों का प्रदर्शन 
नोटबंदी के बाद गांव घुद्दा में शुक्रवार को ओरियंटल बैंक आफ कामर्स में लोगों ने बैंक स्टाफ के खिलाफ रोष जाहिर किया। लाइनों में लगे लोगों का आरोप था कि यहां पैसों का लेन-देन भी सही नहीं होता है। मलकीत सिंह ने बताया कि बैंक से पैसे हासिल करने के लिए वह चार दिनों से रहे हैं। पूर्ण सिंह ने बताया कि बैंक स्टाफ लाइनों में लगे लोगों को पूरे पैसे नहीं दे रहा है। बैंक से केवल दो हजार रुपये मिल रहे हैं। 

इस कारण की हड़ताल 
रामपुरा ओबीसी के ब्रांच मैनेजर के खिलाफ पैसों के लेन देने को लेकर केस दर्ज होने के बाद ओबीसी की पूरी मैनेजमेंट ने जिले के सभी बैंक की ब्रांचों को बंद रखकर विरोध जताया। इस कारण पहले से ही चल रही नोटबंदी के अलावा नवंबर महीने का वेतन लेने के लिए बैंकों में पहुंचे लोगों को परेशान होना पड़ा। 2 बजे के बाद कर्मियों ने काम शुरू किया गया। 

बुजुर्गों को नहीं मिली पेंशन 
पेंशन लेने के लिए पहुंचे 62 वर्षीय बाऊ राम से चला भी नहीं जा रहा था लेकिन बैंक मुलाजिमों ने उनको हड़ताल के चलते पैसे नहीं दिए। वह अपनी प|ी की बुढ़ापा पेंशन के लिए पहुंचे थे तो खुद की हैंडीकैप्ड की पेंशन के लिए पहुंचे थे। राज रानी को भी अपनी बुढ़ापा पेंशन के लिए बैंक में ही बैठकर इंतजार करना पड़ा। वहीं रेलवे में नौकरी करने वाली कलावंती को भी वेतन नहीं मिल पाया। इसी प्रकार बैंक बाजार की ब्रांच से अपने बच्चों की फीस के लिए पैसे लेने के लिए पहुंचे सुखपाल सिंह को परेशान होना पड़ा। 
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