व्यापमं घोटाला: सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह क्लीनचिट

Bhopal Samachar
भोपाल। व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह चौहान को क्लीनचिट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट में व्यापमं मामले से जुड़ी याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया कि कम्प्यूटर की हार्डडिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले के ट्रायल की मॉनिटरिंग से भी मना कर दिया है.

व्यापमं मामले में हार्डडिस्क और पेन ड्राइव से छेड़छाड़ से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान गुरुवार को हैदराबाद स्थित फोरेंसिक लैब की सीलबंद सीएफएसएल रिपोर्ट को कोर्ट में खोला गया. सीएफएसएल रिपोर्ट में कहा गया है कि हार्डडिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. इस रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने व्यापमं मामले में दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है. दिग्विजय सिंह सहित व्यापमं से जुड़ी याचिकाओं में कहा गया था कि हार्डडिस्क और पेन ड्राइव की एक्सल शीट में छेड़छाड़ कर कुछ नाम हटाए गए हैं. इन्हीं आरोपों के बाद कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जल्द ही लैब से रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया था. जिसके बाद सीबीआई ने पिछले दिनों ही सीलबंद सीएफएलएल रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी.

ट्रायल की निगरानी नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में व्यापमं केस के ट्रायल की निगरानी करने से भी इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, उन मामलों में निगरानी की जरूरत नहीं है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी 37 ऐसे मामलों की निगरानी जारी रहेगी, जिनमें चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है.

साढ़े तीन साल पहले हुआ था खुलासा
उल्लेखनीय है कि करीब साढ़े तीन साल पहले जुलाई, 2013 में व्यापम घोटाले का खुलासा होने पर यह मामला एसटीएफ को सौंपा गया और फिर उच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी बनाई, जिसकी देखरेख में एसटीएफ ने जांच की. नौ जुलाई 2015 को सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापम की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए और उसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी.

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