नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह अदालतों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाना चाहता है। इस सवाल पर कि क्या कोई राजनीतिक पार्टी जनहित याचिका दायर कर सकती है, जस्टिस मदन बी लोकुर और एनवी रामन्ना की खंडपीठ ने कहा कि इससे अदालतें राजनीति के अखाड़े में तब्दील हो सकती हैं। हम ऐसा नहीं चाहते। हम अदालत में राजनीति नहीं चाहते।
एक गैर सरकारी संगठन "स्वराज अभियान" ने 12 सूखा प्रभावित राज्यों में किसानों की दुर्दशा को लेकर जनहित याचिका दायर की है। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान इसके वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि यदि कोई राजनीतिक पार्टी जनहित याचिका दायर करती है, तो अदालतें उस पर विचार कर सकती हैं।
दूसरी तरफ, अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि "स्वराज इंडिया" ने निर्वाचन आयोग के पास राजनीतिक दल के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन दे रखा है। यदि कोई राजनीतिक दल फायदे के लिए अदालतों का इस्तेमाल करना चाहता है, तो उसका उद्देश्य भी राजनीतिक ही माना जाएगा।
इसके जवाब में भूषण ने कहा कि "स्वराज अभियान" और "स्वराज इंडिया" दोनों अलग-अलग संगठन हैं। "स्वराज अभियान" ने लोगों से जुड़ा मामला उठाया है और यह राजनीतिक दल नहीं है। इस पर अदालत ने कहा कि हम "स्वराज इंडिया" के रजिस्ट्रेशन मामले में निर्वाचन आयोग के फैसले का इंतजार करेंगे।