
मूलभूत अवधारणा को सकार करने भाजपा रही नाकाम
अमरकंटक क्षेत्र में दो मठाधीशो द्वारा चुनाव में अपना दांव पेंच अपनाने के साथ ही राजनीति में खुलकर सामने आने का कारण पवित्र नगरी में मूलभूत अवधारणा को साकार करने भाजपा की नाकामी बता रहे है। जिसके कारण अब तक क्षेत्र के वार्डो में सड़क, नाली तथा पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओ से जूझना पड़ रहा है। इसके साथ ही भाजपा की भ्रष्ट नीतियो के कारण ही हितग्राहियो को शासन की किसी भी योजनाओ का लाभ नही मिल सका है।
लोग भूले अमरकरंटक की संस्कृति
वार्ड क्रमांक ११ से खडे कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशि महामंडलेश्वर बाबा बालयोगी लक्ष्मणदास जी ने कहा की पवित्र नगरी तथा नर्मदा उद्गम स्थल के नाम से विख्यात अमरकंटक क्षेत्र के लोग धीरे-धीरे अपनी संस्कृति को ही भूलते जा रहे है। जिसके कारण अब साधुसंतो को राजनीति में उतरना पड़ रहा है। क्षेत्र में हर जगह फैली आराजकता तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ है, जिससे पवित्र नगरी में शराब, जुआं , सट्टा पूरी तरह से बंद किया जा सके तथा लोगो को यहां तीर्थ विकास की भावना से कार्य किया जाना चाहिए।
नगरीय चुनाव में तीन मठाधीश आमने-सामने
अमरकंटक नगरीय चुनाव में जहां राजनीति दांवपेंच जोर शोर से चल रही है, वहीं अब क्षेत्र के तीन मठाधीश तीन अलग-अलग पार्टियो का सहयोग कर रही है, जिसमें अध्यक्ष पद के लिए भाजपा प्रत्याशी प्रभा पनाडिया को मृत्युंजय अश्राम, कांग्रेस प्रत्याशी अंकरेश्वरी देवी को बर्फानी आश्रम तथा भाजपा की बागी ममता पारस ने अपना पर्चा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भरकर मैदान में डटी हुई है जिसका सहयोग कल्याण सेवा आश्रम का प्रत्यक्ष रूप से सहयोग मिल रहा है। इस चुनाव में क्षेत्र के तीनो मठाधीश आमने-सामने खड़े है।