इंदौर। वनकर्मी अब जंगल की सुरक्षा के साथ वनक्षेत्रों के स्कूलों में वनवासियों के बच्चों को क,ख,ग भी पढ़ाएंगे। वे सुदूर वनांचलों में चलाए जा रहे स्कूलों में अतिथि शिक्षिकों की भूमिका निभाएंगे। इसके पीछे मंशा दूरदराज के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की भरपाई करना है। इसके लिए वन विभाग प्रशिक्षण भी देगा। योजना लागू करने के लिए आला अफसरों के बीच बैठकों का दौर जारी है।
इसमें वनक्षेत्र में कार्यरत वन समितियों की मदद भी ली जाएगी। अतिथि शिक्षिक के साथ ही उन्हें आदिवासी ब्लॉक के वनग्रामों के ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जा रहे हैं, उनके अभिभावकों से मिलकर स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना होगा। इसमें भी उन्हें लड़कियों को स्कूल भेजने के लिए अधिक परिश्रम करने की हिदायत दी जा रही है। इसके पीछे हर साल बीच में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी लाना है।
वन विभाग के एसडीओ आरएन सक्सेना के अनुसार, वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वनक्षेत्र के बच्चों को साक्षर बनाने में विभाग अहम भूमिका निभा सके। इंदौर जिले के 200 वनकर्मी इसमें भाग लेंगे।
शिविर लगाकर योजनाओं की जानकारी देना
शिक्षित करने के लिए चलाई जा रही विभिन्ना प्रोत्साहन योजनाओं (छात्रवृत्ति) की जानकारी ग्रामीण और छात्रों को देना होगी।
आदिवासी ब्लॉक में छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना और स्कूल में पौधे लगाना, उनके रखरखाव की जानकारी देना।
ग्राम शिविर लगाना। इसमें लाने ले जाने के लिए विभाग के संसाधन का उपयोग करना।