यूपी के सभी कलेक्ट्रेट आॅफिसों में कामबंद हड़ताल

लखनऊ। राजधानी की कलेक्ट्रेट में एसीएम-एडीएम व कर्मचारियों के साथ मारपीट करने वाले वकीलों पर कार्रवाई की मांग की चिंगारी अब प्रदेश के सभी कलेक्ट्रेटों तक पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश मिनिस्टीरियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने घटना के विरोध में प्रदेश के सभी कलेक्ट्रेट में मंगलवार से कामकाज बंद रखने (कार्यबहिष्कार) का ऐलान कर दिया है। मांगे न माने जाने तक कार्यबहिष्कार जारी रखने की चेतावनी दी है।

सरकार से रविवार को मिले कार्रवाई के आश्वासन के बाद पीसीएस संघ ने भले ही हड़ताल से हाथ तो खींच लिए हो लेकिन कलेक्ट्रेट व राजस्व कर्मचारी पीछे हटने के मूड में नहीं है। सोमवार को कलेक्ट्रेट कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। यहां हुई आम सभा में उत्तर प्रदेश मिनिस्टीरियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने कहा कि मारपीट की ऐसी घटनाएं प्रदेश के अन्य जिलों में भी बार-बार हो रही हैं। इसे देखते हुए मंगलवार से पूरे प्रदेश के कलेक्ट्रेट में कार्य बाहिष्कार शुरू किया जाएगा। कई जिलों के कलेक्ट्रेट में सोमवार से ही कार्य बहिष्कार शुरू हो गया है।

कलेक्ट्रेट में आम सभा, कई संगठन साथ
कलेक्ट्रेट में सोमवार को तालाबंदी जारी रही। कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने कार्यबाहिष्कार जारी रखा। पांचों तहसीलों में कोई कामकाज नहीं हुआ। कोर्ट और दफ्तरों के ताले लटकते रहे। कुछ अधिकारी आए लेकिन लौट गए। सुबह 11.30 पर कलेक्ट्रेट कम्पाउंड में आम सभा शुरू हुई। इसमें लेखपाल, अमीन, रजिस्ट्रार कानूनगो, राजस्व निरीक्षक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, आशुलिपिक समेत अन्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में कर्मचारियों ने साफ कर दिया कि इसबार दोषी वकीलों पर बिना कार्रवाई के कार्यबहिष्कार समाप्त नहीं होगा। 24 घंटे के भीतर ही पीसीएस अधिकारियों द्वारा पीछे हटने पर कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर की। आम सभा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सिंह ने दोषी वकीलों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की। इस दौरान संघ के जिलाध्यक्ष विजय कुमार वर्मा, मंत्री निशिल किशोर श्रीवास्तव, नरेन्द्र सिंह, लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष सुशील शुक्ला समेत अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

कामकाज ठप, लोग हुए परेशान
कलेक्ट्रेट व तहसीलों में काम काज ठप होने से सोमवार को भी फरियादी और वादकारी की दिक्कतों का सिलसिला जारी रहा। न तो सुनवाई हुई न ही खतौनी मिली। शिकायतों को सुनने वाला भी कोई नहीं मिला। लोग इधर उधर घूमते रहे और निराश होकर लौट गए। तहसीलों में भी कोई सुनवाई नहीं हुई। सन्नाटा पसरा रहा। एसडीएम ,तहसीलदार, नायद तहसीलदार कोर्ट व कार्यालय बन्द रहे। फरियादी चक्कर लगाते रहे और अधिकारी नदारद रहे। बीकेटी तहसील में वृद्ध राजरानी राशन कार्ड बनवाने के लिए व मोती तहसीलदार के कार्यालय के बाहर कम्बल के लिए इन्तजार करते रहे। मोहनलालगंज तहसील में खतौनी काउण्टर व रजिस्ट्री दफ्तर भी बंद रहा।

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