
वासवानी और उसके परिवारजनों के आठ बैंक लॉकरों की जांच आयकर विभाग की टीमें कर रही हैं। वहीं नोटबंदी के बाद खोले गए बैंक खातों की जांच अभी चल रही है। सूत्र बताते हैं कि वासवानी के महानगर को-ऑपरेटिव बैंक में 10 हजार खातेदार हैं, जिनमें नोटबंदी के बाद जमा हुई बड़ी राशि तथा 1000-500 के पुराने नोटों के कई लेनदेन वाले खातों की जांच की जा रही है।
दो दिन की कार्रवाई में आयकर विभाग को वासवानी के यहां से कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिनमें उसकी कई संपत्तियों के साक्ष्य मिलने की संभावना है। रिश्तेदार के यहां छापा समाप्त आयकर सूत्र बताते हैं कि सात स्थानों पर छापे की कार्रवाई में से वासवानी के नजदीकी रिश्तेदार और महानगर को-ऑपरेटिव बैंक के कर्मचारी अटल पमनानी के यहां छापा समाप्त हो गया है।
हालांकि उसके यहां से सामान्य से ज्यादा न तो आभूषण मिलने का दावा किया जा रहा है और न ही ज्यादा राशि में बेहिसाब नकदी मिली है। अभी छह स्थानों पर और को-ऑपरेटिव बैंक में सर्वे की कार्रवाई चल रही है।
संचालक मंडल की भूमिका की भी जांच
सूत्रों का कहना है कि महानगर को-ऑपरेटिव बैंक के संचालक मंडल की भूमिका को लेकर भी आयकर विभाग जांच कर रहा है। अगर कोई संदिग्ध परिस्थितियां सामने आती हैं तो उनको भी नोटिस जारी किए जाएंगे।