चेन्नई। क्रिकेट खेल की शुरूआत अंग्रेजों ने ही की थी और आज उसी खेल में वो दुनिया की सबसे शर्मनाक हार का सामना कर रहे हैं। यह शिकस्त भी उन्हे किसी और ने नहीं बल्कि एक सदी तक उनके गुलाम रहे देश इंडिया ने दी है। जिसे वो आज भी समान भाव से नहीं देखते। यह पराजय ऐसी है जो आज तक के क्रिकेट इतिहास में किसी टीम को नहीं मिली।
टीम इंडिया ने मंगलवार को इंग्लैंड को आखिरी टेस्ट में हराकर सीरीज 4-0 से जीत ली। 5वें टेस्ट में भारत ने 759 रन बनाए। जवाब में पहली इनिंग में 477 रन बनाने वाला इंग्लैंड दूसरी इनिंग में 207 रन पर सिमट गया। 139 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार कोई टीम पहली इनिंग में 450 से ज्यादा रन बनाकर भी पारी से हारी है।
कोहली के नाम दर्ज हुए कई रिकॉर्ड
इस टेस्ट में कुल 9 रिकॉर्ड बने। विराट कोहली ने लगातार 17 टेस्ट नहीं हारने के कपिल देव के 29 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। कोहली की कप्तानी में अब टीम इंडिया लगातार 18 टेस्ट मैच नहीं हारी है। उन्होंने शुरुआती 22 टेस्ट की कप्तानी में जीत के मामले में धोनी को भी पीछे छोड़ दिया है। यही नहीं, जितने टेस्ट मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बतौर कप्तान 9 साल में जीते, उतने टेस्ट में कोहली ने 2 साल की कप्तानी में ही जीत दिलाई।
22 टेस्ट में कप्तानी कर धोनी को पीछे छोड़ा
चेन्नई टेस्ट से पहले विराट और धोनी के बीच शुरुआती 21 मैच में कप्तानी का एक जैसा रिकॉर्ड था। दोनों को शुरुआती 21 में से 13 टेस्ट में जीत हासिल हुई थी। दो मैच हारे और बाकी 6 टेस्ट ड्रॉ रहे।
हालांकि, चेन्नई टेस्ट जीतकर विराट ने शुरुआती 22 मैचों में कप्तानी के मामले में धोनी को पीछे छोड़ा। वे अब तक 14 टेस्ट जीत चुके हैं।
दरअसल, धोनी की कप्तानी में भारत 22वां टेस्ट हार गया था। यह टेस्ट साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2010 में सेन्चुरियन में खेला गया था। भारत को एक पारी और 25 रन से हार मिली थी।
लगातार 18 टेस्ट ना हारने का रिकॉर्ड
(a) कोहली : अगस्त 2015 से दिसंबर 2016 के बीच कोहली की कप्तानी में इंडिया लगातार 18 टेस्ट नहीं हारी। इनमें 14 टेस्ट जीते और 4 ड्रॉ रहे। कोहली का सक्सेस रेट 77% है।
(b) कपिल : सितंबर 1985 से मार्च 1987 के बीच कपिल देव की कप्तानी में भारत लगातार 17 टेस्ट नहीं हारा। हालांकि, इसमें 13 टेस्ट ड्रॉ थे और 4 मैच जीते थे। हालांकि, कपिल का सक्सेस रेट 24% रहा।
कोहली बने इस साल के टॉप स्कोरर, जो रूट को पीछे छोड़ा
कोहली इस साल तीनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैट्समैन बन गए हैं।
8 साल बाद भारत से कोई बैट्समैन टॉप स्कोरर बना है। 2008 में सहवाग थे, उनके 2355 रन थे।
कोहली ने इस साल 2595 रन बनाए हैं। तीनों फॉर्मेट में उन्होंने 37 मैच खेले हैं। 7 सेन्चुरी लगाई हैं। 13 हाफ सेन्चुरी हैं। हाईएस्ट स्कोर 235 का है।
कोहली के बाद दूसरे नंबर पर हैं इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट। जिन्होंने 41 मैच खेलकर 2570 रन बनाए हैं।
कोहली ने अजहर के 16 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी की
जितने टेस्ट अजहर ने 9 साल में जीते, उतने टेस्ट में कोहली ने 2 साल में जीत दिलाई।
अजहर 1990 से 1999 के बीच कप्तान थे। उन्होंने 47 टेस्ट में कप्तानी की। 14 टेस्ट जीते। 14 हारे।
कोहली दो साल से टेस्ट में कप्तानी कर रहे हैं। लेकिन इतने कम वक्त में वे 14 टेस्ट जीत चुके हैं।
इंग्लैंड पर पहली बार लगातार 4 जीत
टीम इंडिया की पहली बार इंग्लैंड पर लगातार चौथी जीत हुई। इससे पहले भारत ने कभी लगातार चार टेस्ट में इंग्लैंड को नहीं हराया था। भारत ने उसे सिर्फ 1993 में लगातार 3 मैच में हराया था।
एक सीरीज में सबसे ज्यादा जीत के 3 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी
2013 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया का 4-0 से सफाया कर दिया था। कोहली ने इंग्लैंड को 4-0 से हराकर इसकी बराबरी कर दी।
इंग्लैंड के खिलाफ 8 साल बाद टेस्ट सीरीज जीती
- 2008 :भारत ने इंग्लैंड को अपने देश में 1-0 से हराया था।
- 2011 : इंग्लैंड ने इंग्लैंड में भारत को 4-0 से हराया था।
- 2012 :इंग्लैंड ने यहां आकर भारत को 2-1 से हराया।
- 2014 :इंग्लैंड ने अपने देश में भारत को 3-1 से हराया।
- 2016 :भारत ने अपने देश में इंग्लैंड को 4-0 से हराया।
दूसरी बार लगातार 5 सीरीज जीता भारत
- 2015 : श्रीलंका को 2-0 से हराया
- 2015 : साउथ अफ्रीका को 3-0 से हराया
- 2016 :वेस्ट इंडीज को 2-0 से हराया
- 2016 :न्यूजीलैंड को 3-0 से हराया
- 2016 : इंग्लैंड को 4-0 से हराया
- इससे पहले अक्टूबर 2008 से जनवरी 2009 के बीच कुंबले, सहवाग और धोनी की कप्तानी में टीम ने लगातार 5 टेस्ट सीरीज जीती थी।
ये रिकॉर्ड बनाने से चूके विराट
विराट आखिरी टेस्ट में अगर 135 रन बना लेते तो एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ देते।
उन्होंने चेन्नई टेस्ट की पहली पारी तक 655 रन बना लिए थे। उन्हें गावसकर का 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 120 रन की जरूरत थी। गावसकर ने 1970-71 की सीरीज में चार टेस्टों में ही 154.80 के एवरेज से 774 रन बनाए थे।
भारत अगर दूसरी इनिंग खेलता तो विराट के पास यह रिकॉर्ड तोड़ने का मौका रहता।
जडेजा ने पहली बार लिए 10 विकेट
जडेजा ने मैच के आखिरी दिन 7 विकेट लिए। वहीं इस मैच में उन्होंने कुल 10 विकेट झटके।
ये पहला मौका है जब जडेजा ने अपने टेस्ट करियर में किसी मैच में 10 विकेट झटके हों।
चेन्नई टेस्ट में उनकी यह परफॉर्मेंस इसलिए मायने रखती है क्योंकि यहां पहली इनिंग में दोनों टीमों ने मिलकर 1200 से ज्यादा रन बनाए। ऐसी पिच पर जडेजा अकेले 10 विकेट झटकने में कामयाब रहे।