नई दिल्ली। उद्योगों में काम करने वाले छोटे कर्मचारियों/मजदूरों को भी अब तनख्वाह नगद नहीं मिलेगी। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। इसके बाद अब कंपनियों को अपने यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को या तो उनके खाते या फिर चेक के माध्यम से तनख्वाह देना पड़ेगा। इस अध्यादेश पर मुहर लगने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही यह अध्यादेश नियम के रूप में लागू हो जााएगा।
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट ने वेतन भुगतान(संशोधन) विधेयक, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी है जिसके बाद कुछ उद्योगों के नियोक्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक मोड या चेक के माध्यम से सैलरी देने की अनुमति देगा। पिछले दिनों नोटबंदी पर हंगामे के बीच श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने संसद में यह विधेयक पेश किया था।
जानकारी के अनुसार शीत सत्र में 15 दिसंबर को सरकार ने संसद में इसे लेकर विधेयक भी रखा था जिसे बजट सत्र में पारित करवाया जा सकता है। लेकिन खबर है कि सरकार नए नियम को तत्काल लागू करने के लिए कानून में संशोधन को लेकर अध्यादेश ला सकती है जो 6 महीने वैध होता है।
सूत्रों के अनुसार यह अध्यदेश राज्यों को इस बात का अधिकार देगा कि वो उद्योगों और संस्थानों को चिन्हित करे जो कैशलेस पेमेंट करना चाहते हैं।