भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की जलग्रहण मिशन (वाटरशेड मिशन) के एक हजार टीम सदस्य, टीम लीडर एवं चार हजार वाटरशेड मिशन सचिवों को हटाने के विरोध में म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर महासंघ की वाटरशेड मिशन इकाई के अध्यक्ष अमित कुल्हार के नेतृत्व में वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों की बैठक चिनार पार्क में आयोजित की गई।
जिसमें निर्णय लिया गया कि दस से पन्द्रह सालों से जो संविदा कर्मचारी अधिकारी कार्य कर रहे थे। जिनकी वजह से प्रदेश में कृषि का सिंचाई का रकबा भी बढ़ा, कृषि उत्पादन में भी म.प्र. नम्बर वन हुआ जिसके कारण म.प्र. सरकार को चार बार कृषिकृमण अवार्ड मिला। प्रदेश में स्वः सहायता समूह बनाये जिससे सरकार की रैलियों में भीड़ भी लाए। उसके बावजूद लगातार मेहनत कर सरकार का सम्मान बढ़ाने वाले वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया गया जिसके विरोध में वाटरशेड मिशन के सभी संविदा कर्मचारी अधिकारी कल से जब तक संविदा कर्मचारियों की वापसी नहीं हो जाती तब तक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगें।
बैठक में संविदा कर्मचारियों ने कहा कि जब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की बीआरजीएफ, डीपीआईपी, डीआरडीए परियोजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का संविलयन पंचायत विभाग की ही अन्य योजनाओं में संविलयन किया जा सकता है तो वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों का क्यों नहीं।
एक हजार को निकाला एक हजार अभी शेष हैं सभी हड़ताल पर
वाटरशेड मिशन में दो से ढाई हजार संविदा कर्मचारी कार्यरत थे जिसमें एक हजार संविदा कर्मचारी टीम सदस्य और टीम लीडर जिनकी परियोजना वर्ष 2009-10 में स्वीकृति प्रदान की गई थी उनको हटा दिया गया शेष बाद की परियोजना में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी अभी भी काम कर रहे हैं , वो सब कल से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगें । चार हजार वाटरशेड मिशन के सचिवों को भी निकाल दिया गया है वो भी आंदोलन में साथ रहेंगें।
वाटरशेड मिशन में ये काम करते थे संविदा कर्मचारी अधिकारी
वाटरशेड मिशन में इनके द्वारा पड़त और सुखी भूमि पर सिंचाई के लिए तालाब बनवाना, खेतों की मेड़ बंधवाना, क्षेत्र का वाटर लेवल बढ़ाना , कृषि की सिंचाई का रकबा बढ़वाना, किसानों के समूह बनाकर खेती की उन्नत तकनीकों की जानकारी देना, जैविक खेती के लिए प्रेरित करना। उन्नत बीजों का भण्डारण करवाना तथा जानकारी देना। उन्न्त कृषियंत्री की जानकारी देना।
संविदा कर्मचारियों की उपलब्धि
वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों के कार्यो की वजह से प्रदेश का कृषि के सिंचित क्षेत्र का रकबा बढ़ा, उत्पादन बढ़ा जिससे सरकार को प्रदेश सरकार को चार बार कृषिकर्मण्य अवार्ड मिला।
मंत्री जी ने विधानसभा में दिया था आश्वासन
मंत्री गोपाल भार्गव में पिछले वर्ष विधान सभा में कमलेश्वर पटेल के एक प्रश्न के जवाब ने कहा था कि किसी भी संविदा कर्मचारी को भाजपा सरकार में हटाया नहीं जायेगा । किसी संविदा कर्मचारी का घर नहीं उजड़ने दिया जायेगा उसके बावजूद संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया ।
पंचायत विभाग के इन परियोजना के संविदा कर्मचारियों का किया संविलयन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अनेक परियोजनाएं बंद होने के बाद विभाग ने इनका संवलियन इन परियोजनाओं में कर दिया जैसे गरीबी उन्मूलन योजना का संवलियन ग्रामीण आजीविका मिशन में, बीआरजीएफ योजना के कर्मचारियों का मनरेगा एवं ग्रामीण सड़क योजना में , डीआरडीए योजना का मनरेगा, आजीविका मिशन में।
संविदा से हटाने के बाद कर्मचारियों के परिवारों का क्या होगा
अधिकांश कर्मचारी दस से बारह वर्षो से वाटरशेड मिशन में कार्य कर रहे थे । जिनकी शादी विवाह हो चुके परिवार के लालन पालन की जिम्मेदारी है । बच्चों के स्कूल की फीस, माता पिता के दवाई का खर्च, परिवार के पेट भरने की समस्या उत्पन्न हो गई है।
बैठक में धर्मेन्द्र धाकडि़या, माजिदा खान, पंकज शर्मा, अनुराग तिवारी, दीपक मालवीय, आदि लोग उपस्थित थे।